पीएम मोदी 30 मई को एक बार फिर से प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं. इस शपथग्रहण में शामिल होने के लिए BIMSTEC के शीर्ष नेता भारत आएंगे. साल 2014 में भी इसी तरह पीएम मोदी के शपथग्रहण में SAARC के नेताओं ने शिरकत की थी. SAARC नेताओं के अलावा 2014 के शपथग्रहण में मॉरिशस के प्रधानमंत्री और मालदीव के राष्ट्रपति भी शामिल हुए थे.
भारत सरकार ने BIMSTEC के नेताओं को शपथग्रहण समारोह में बुलाया है. सरकार की ‘पहले पड़ोसी’ नीति के तहत ऐसा किया जा रहा है. साथ ही किर्गिस्तान के अध्यक्ष जो शंघाई को-ऑपरेशन केअध्यक्ष भी हैं और मॉरिशस के प्रधानमंत्री को भी न्योता दिया गया है.
नहीं दिया इमरान खान को न्योता
साल 2014 में हुए शपथग्रहण समारोह में पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ भी शामिल हुए थे. सार्क देशों में पाकिस्तान भी शामिल है जिस लिहाज से नवाज शरीफ को भी न्योता गया था. लेकिन इस बार पाकिस्तान के पीएम इमरान खान को बुलावा नहीं भेजा गया है. पुलवामा हमले और बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद भारत और पाक के रिश्तों में खटास आई है. ऐसा माना जा रहा है कि इसी वजह से इमरान खान को शपथग्रहण में शामिल होने के लिए न्योता नहीं दिया गया है.
बिम्सटेक समूह क्या है?
बिम्सटेक की स्थापना 6 जून 1998 में हुई थी. बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग उपक्रम का एक्रॉनिम है बिम्सटेक (BIMSTEC) (Bay of Bengal Initiative for Multi-Sectoral Technical and Economic Cooperation). ये बंगाल की खाड़ी से तटवर्ती या आसपास के देशों का एक अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग संगठन है.
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