भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने केंद्र को चेतावनी दी है, कि उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र में ऐतिहासिक महापंचायत का आयोजन किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि, लखनऊ में होने जा रही ये महापंचायत तीनों काले कानूनों के खिलाफ ताबूत में आखिरी कील होगी.
टिकैत ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए कहा कि, 22 नवंबर को लखनऊ में किसान महापंचायत ऐतिहासिक होने जा रही है. यह महापंचायत किसान विरोधी सरकार और तीन काले कानूनों के ताबूत में आखिरी कील साबित होगी.
उन्होंने ट्वीट में आगे लिखा कि अब पूर्वांचल में भी और तेज होगा अन्नदाता का आंदोलन.
आने वाले साल 2022 में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं, इसलिए उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में होने जा रही महापंचायत को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
इससे पहले टिकैत ने कहा था कि किसान 27 नवंबर से ट्रैक्टरों से दिल्ली सीमा पर पहुंचकर आंदोलन को मजबूत करेंगे.
टिकैत ने ये भी चेतावनी दी है कि यदि सरकार के द्वारा आंदोलन स्थलों पर किसानों के टेंट को हटाया जाता है, तो हम पुलिस स्टेशनों और जिलाधिकारी कार्यालयों में टेंट लगाएंगे.
पिछले महीने, दिल्ली पुलिस ने टिकरी और गाजीपुर सीमाओं पर जहां किसान तीनों कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं, वहां लगाए गए बैरिकेड्स को हटाना शुरू कर दिया था. किसानों का आंदोलन शुरू होने के बाद से 11 महीने से अधिक समय से यह रास्ता बंद था और यात्री असुविधाएं होने की शिकायत कर रहे थे.
बता दें कि देश के किसान केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले साल 26 नवंबर से देश के विभिन्न जगहों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच कई दौर की बातचीत हुई लेकिन समझौता नहीं हो सका और अभी भी गतिरोध बना हुआ है.
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