केंद्र सरकार को कालाधन मामले में बड़ी सफलता मिलती दिख रही है. स्विट्जरलैंड ने भारत के नागरिकों के वित्तीय खातों और कालेधन से जुड़ी जानकारी को साझा करने की मंजूरी दे दी है.
शुक्रवार को स्विट्जरलैंड ने भारत समेत 40 दूसरे देशों को सूचनाएं प्रदान करने की ऑटोमेटिक प्रणाली को मंजूरी दी. ऐसे में अब इन देशों को कालेधन से जुड़ी जानकारी ऑटोमैटिक साझा हो सकेगी. हालांकि, इसके लिए इन देशों को गोपनीयता और सूचना की सुरक्षा के कड़े नियमों का पालन करना होगा.
2018 से शुरू होगा सिस्टम
स्विट्जरलैंड सरकार ने इस सिस्टम को साल 2018 में शुरू करने का फैसला लिया है और इसके लिए आंकड़ों की साझेदारी 2019 में शुरू होगी.
मतलब साफ है कि स्विट्जरलैंड से कालेधन से जुड़ी जानकारी हासिल करने के लिए अभी भी 2 साल का समय लगेगा. स्विट्जरलैंड जल्द ही भारत को सूचनाओं के साझा करने की तारीख भारत को बता देगा.
बता दें कि भारत में कालाधन एक बड़ा मुद्दा है. ऐसा भी सोचा जाता है कि देश के कई लोगों ने अपनी काली कमाई स्विट्जरलैंड के बैंक खातों में छुपा रखी है. इसको ध्यान में रखते हुए भारत स्विट्जरलैंड समेत कई देशों के साथ अपने देश के नागरिकों के बैंकिग सौदों के बारे में सूचनाओं को साझा करने का प्रयास करता आया है. अब स्विट्जरलैंड के इस कदम के बाद कालेधन को खपाने और मनी लॉन्ड्रिंग पर लगाम कसी जा सकेगी.
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