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ब्लू व्हेल गेम: UP में DGP का निर्देश, दिल्ली में हाईकोर्ट सख्त

इस जानलेवा गेम पर सरकार ने पहले ही रोक लगा दी है

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जानलेवा ऑनलाइन कंप्यूटर और मोबाइल गेम 'ब्लूव्हेल चैलेंज' के बढ़ते असर को देखते हुए देशभर में इसके बैन को लेकर सख्ती बरती जा रही है. मंगलवार को यूपी के पुलिस महानिदेशक (DGP) सुलखान सिंह ने इस गेम को बैन किए जाने के संबंध में सभी वरिष्ठ पुलिस अधिक्षकों और पुलिस अधिक्षकों को निर्देश दिए.

DGP ने अभिभावकों को बच्चों की काउंसलिंग कराने को कहा और गेम के एडमिनिस्ट्रेटर के खिलाफ कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए. सिंह ने कहा, "स्कूल और कॉलेज में भी संपर्क कर प्रिंसिपल और टीचर के जरिए बच्चों को ब्लू व्हेल गेम खेलने से रोका जाए. अभिभावकों को ऐसे प्रकरण संज्ञान में आने पर बच्चों की काउंसलिंग कराने के लिए सलाह दें और गेम के एडमिनिस्ट्रेटर के खिलाफ कार्रवाई करें."

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दिल्ली हाईकोर्ट ने कंपनियों को भेजा नोटिस

वहीं दिल्ली हाईकोर्ट ने भी इस जानलेवागेम को बैन करने को लेकर गूगल, फेसबुक, याहू और केंद्र सरकार को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. हाईकोर्ट ने मंगलवार को इस गेम को लेकर दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए नोटिस जारी किया है.

हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार से लेकर गूगल, याहू और फेसबुक को जवाब देना होगा कि इस जानलेवा गेम को रोकने के लिए उन्होंने क्या कदम उठाए हैं. . इस मामले पर अगली सुनवाई 19 सितंबर को होगी.

सरकार ने कर दिया है बैन

15 अगस्त को सरकार ने इस गेम पर रोक लगा दी थी. साथ ही मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ने सर्च इंजन गूगल इंडिया, माइक्रोसॉफ्ट इंडिया और याहू इंडिया के अलावा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप को ब्लूव्हेल चैलेंज गेम को डाउनलोड करने की सुविधा या इससे जुड़ा कोई लिंक अपने प्लेटफॉर्म से तुरंत हटाने को कहा था.

कैसे हो जाते हैं बच्चे इस गेम का शिकार?

इस जानलेवा गेम पर सरकार ने पहले ही रोक लगा दी है
पने हाथों पर ब्लू व्हेल बनाना भी एक चैलेंज है
(फोटो: Twitter)

ब्लू व्हेल चैलेंज ने दुनियाभर में 250 से ज्यादा लोगों की जान ले ली है. इनमें अकेले रूस में 130 से ज्यादा मौतें हुई हैं. इसके अलावा पाकिस्तान और अमेरिका समेत 19 देशों में इस गेम की वजह से खुदकुशी के कई मामले सामने आए हैं. हाल के दिनों में भारत में भी इस गेम के कारण बच्चों के खुदकुशी की कोशिश की खबरें सामने आईं हैं. इस चैलेंज में छोटी उम्र के बच्चों को निशाना बनाया जाता है.

गेम में बच्चों को चैलेंज दिया जाता है, जिसमें आपको ग्रुप के एडमिन के द्वारा दिए गए कई टास्क को पूरा करना होता है 50 दिनों के अंदर. शुरुआत में एक डरावनी पिक्चर देखने से शुरुआत होती है और आगे आगे खुद को चोट पहुंचाने तक बढ़ जाती है. 50वें दिन इस गेम में हिस्सा लेने वाले को अपनी जान लेने को कहा जाता है और फोटो या वीडियो के जरिए इस चैलेंज को पूरा करना होता है.

गेम छोड़ने पर धमकी दी जाती है कि अगर किसी ने एक बार गेम खेलना शुरू कर दिया, तो वो इसे बीच में नहीं छोड़ सकता. एक बार गेम शुरू हो जाने पर गेम खेलने वाले का फोन एडमिन हैक कर लेता है और फोन की सारी डिटेल उसके कब्जे में आ जाती है.

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