'Bois Locker Room' जैसे 'गैरकानूनी' ग्रुप सोशल मीडिया से हटाने की अपील करने वाली याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है. याचिका में कहा गया कि केंद्र 'बच्चों की सेफ्टी और सुरक्षा' के लिए ऐसे ग्रुप को फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से हटवाए. इस याचिका को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने 19 मई को केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया.
जस्टिस राजीव सहाय एंडलॉ और जस्टिस संगीता ढींगरा की बेंच ने गृह मंत्रालय, इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय और वित्त मंत्रालय को भी नोटिस दिया है. साथ ही कोर्ट ने फेसबुक, गूगल और ट्विटर को नोटिस भेज कर दायर किए गए हलफनामे पर अपना स्टैंड अगली सुनवाई तक साफ करने को कहा. मामले में अगली सुनवाई 14 जुलाई को होगी.
किसने दायर की याचिका?
दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका आरएसएस विचारक केएन गोविंदाचार्य ने दायर की है. गोविंदाचार्य ने याचिका में 'Bois Locker Room' जैसे ग्रुप के 'गैरकानूनी' स्वभाव पर जोर दिया है. वकील विराग श्रीवास्तव के जरिए दायर हुई इस याचिका में कहा गया, "नकारात्मकता, फेक न्यूज और गैरकानूनी कंटेंट की वजह से बहुत सारे जवान बच्चों की जिंदगी खराब होती है. ऐसे ग्रुप आपराधिक स्वाभाव के होते हैं और इन्हें फ्री या क्रिएटिव स्पीच का संरक्षण नहीं मिलना चाहिए."
याचिका में कहा गया कि इंस्टाग्राम पर ‘bois locker room’ मामला सोशल मीडिया के सबसे ‘घिनौने’ रूप में से एक था. केंद्र सरकार के स्टैंडिंग काउंसल अनुराग अहलूवालिया ने सभी मंत्रालय की तरफ से नोटिस स्वीकार किया.
क्या है 'bois locker room' मामला?
एक ट्विटर यूजर ने 3 मई को ‘Bois Locker Room’ नाम के एक इंस्टाग्राम चैट ग्रुप के बारे में ट्वीट किया. इस ट्वीट में यूजर ने बताया कि इंस्टाग्राम ग्रुप में सैंकड़ों साउथ दिल्ली के लड़के हैं, जो कथित रूप से अवयस्क लड़कियों के फोटो शेयर करते हैं. यूजर ने कहा कि ग्रुप में लड़कियों को ऑब्जेक्टिफाई किया जाता है और 'गैंगरेप' का प्लान किया जाता है.
कथित रूप से क्लास 11 और 12वीं में पढ़ने वाले लड़के इस ग्रुप पर अवयस्क लड़कियों की मॉर्फ की हुई फोटो शेयर करते हैं. लड़कियों के बारे में अश्लील टिप्पणियां करते हैं, बॉडी और स्लट शेमिंग करते हैं.
दिल्ली पुलिस ने 6 मई को इस ग्रुप के एडमिन को गिरफ्तार कर लिया था. इससे पहले इसी ग्रुप के एक मेंबर को 4 मई को हिरासत में लिया गया था.
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