प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की डोकलाम विवाद के बाद पहली बार द्विपक्षीय बैठक हुई है. ब्रिक्स उभरते बाजार और विकासशील देशों के संवाद में शामिल हुए मोदी ने 9वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर मुलाकात की. विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी कि दोनों नेताओं के बीच इस पर सहमति बनी कि आगे से डोकलाम जैसी स्थिति पैदा ना हो.
विदेश सचिव एस जयशंकर ने कहा कि जानते हैं कि दोनों देश जानते हैं कि अतीत में क्या हुआ, इसलिए यह पिछली बातें करने वाली बैठक नहीं थी. हम प्रगतिशील नजरिए के साथ आगे बढ़ेंगे.
इस मुलाकात के दौरान जिनपिंग ने पीएम मोदी से कहा कि चीन भारत के साथ पंचशील के पांच सिद्धांतों के तहत काम करने के लिए तैयार है.
चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग ने कहा कि भारत और चीन दो बड़े पड़ोसी देश होने के साथ-साथ दुनिया की सबसे बड़े और उभरते हुए देश भी हैं. पीएम मोदी ने भी जिनपिंग को शुक्रिया बोलते हुए कहा कि ब्रिक्स को प्रासंगिक बनाने में यह शिखर सम्मेलन बेहद सफल हुआ.
भारत-चीन के बीच अच्छे संबंध दोनों देशों के हित में
विदेश सचिव एस. जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा कि बैठक में दोनों पक्षों ने आगे बढ़ने की सोच वाला और रचनात्मक रुख अपनाया. उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं ने फिर प्रतिबद्धता जताई कि भारत और चीन के बीच अच्छे संबंध दोनों देशों के हित में है.
विदेश सचिव ने कहा कि मोदी और शी ने महसूस किया है कि भारत और चीन के रक्षा-सुरक्षाकर्मियों के बीच बातचीत होनी चाहिए.
कई मुद्दों पर हुई चर्चा
म्यांमा के अपने दौरे से ठीक पहले मोदी ने चीनी राष्ट्रपति से मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान उनके साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश सचिव एस जयशंकर सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.
चीन की सरकारी समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार इस मुलाकात के दौरान मोदी ने 'बेहद सफल' ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को लेकर शी को बधाई दी. यह बैठक उस वक्त हुई है, जब दोनों देश 73 दिनों के डोकलाम गतिरोध के पैदा हुई कड़वाहट को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं.
बीते 28 अगस्त को भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि नई दिल्ली और बीजिंग ने डोकलाम इलाके से अपने सैनिकों को हटाने का फैसला किया है.
भारतीय अधिकारियों ने पहले संकेत दिया था कि दोनों नेता विश्वास बहाली के कदमों के उपायों पर चर्चा कर सकते हैं. डोकलाम गतिरोध के बाद दोनों देशों में यह भाव आया है कि अब 'आगे बढा जाए '.
इससे पहले ब्रिक्स सम्मेलन के दूसरे दिन भी प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद का जिक्र किया. पीएम मोदी ने ब्रिक्स के देशों से साथ मिलकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ने की अपील की. ब्रिक्स के मंच से मोदी लगातार आतंक पर प्रहार कर रहे हैं.
क्या है पंचशील समझौता
पंचशील समझौते पर 29 अप्रैल 1954 को हस्ताक्षर हुए थे. चीन के क्षेत्र तिब्बत और भारत के बीच व्यापार और आपसी संबंधों को लेकर ये समझौता हुआ था. इस समझौते के तहत भारत ने तिब्बत को चीन का एक क्षेत्र स्वीकार कर लिया. इस तरह उस समय इस संधि ने भारत और चीन के संबंधों के तनाव को काफी हद तक दूर कर दिया था.
पंचशील के पांच अहम मुद्दे
- क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करना
- एक-दूसरे देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करना
- दूसरे देश पर आक्रमण न करना
- परस्पर सहयोग और लाभ को बढ़ावा देना
- शांतिपूर्ण सह अस्तित्व की नीति का पालन करना
ब्रिक्स में भी दिया ‘सबका साथ, सबका विकास’ का नारा
पीएम मोदी ने ब्रिक्स सम्मेलन में भी सभी देशों को आर्थिक रूप से साथ आने के लिए कहा. पीएम के मुताबिक विकास का एजेंडा ‘सबका साथ, सबका विकास’ के नारे में ही छिपा है. बिजनेस काउंसिल को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार ने बिजनेस को आसान करने के लिए कदम उठाए हैं. मोदी ने कहा कि हम मजबूत अंतरराष्ट्रीय संबंधों के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं.
मोदी ने कहा कि हम लोगों को एक साथ काम करने की जरूरत है, हमारे देश ने डिजिटल क्षेत्र में काफी काम किया है. पीएम के मुताबिक भारत एक तेजी से बढ़ता हुआ देश है.
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