इस बार के बजट में मोदी सरकार ने महिलाओं की बेहतरी के लिए कई कदम उठाए हैं.पहली बार नौकरी ज्वाइन करने वाली महिलाओं को बड़ा तोहफा मिला है. महिला कर्मचारियों को नौकरी के शुरुआती तीन साल तक पीएफ में वेतन के 12 या 10 फीसदी की जगह 8 फीसदी ही कंट्रीब्यूट करना होगा. इससे उनके हाथ में ज्यादा सैलरी आएगी. उज्ज्वला योजना के तहत अब 8 करोड़ गरीब महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन मिलेगा.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने साफ कर दिया कि सरकार का ध्यान महिला सशस्त्रीकरण पर भी है. अरुण जेटली ने गुरुवार को कहा कि सेल्प हेल्प ग्रुप के लिए ऋण सहायता 2019 तक बढ़ कर 75,000 करोड़ रुपये हो जाएगी. जेटली ने कहा, महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए ऋण 2016-17 में बढ़कर लगभग 42,000 करोड़ रुपये हो गया था. पिछले साल की तुलना में इसमें 37 फीसदी का इजाफा हुआ है.
उन्होंने कहा कि व्यापार शुरू करने के लिए मुद्रा योजना के तहत 76 फीसदी कर्ज लेने वाली महिलाएं हैं.उन्होंने 2018-19 में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के लिए आवंटन राशि बढ़ाकर 5,750 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव रखा.
सरकार महिलाओं के लिए मुद्रा योजना को और मजबूत करेगी. इस योजना के तहत 76 फीसदी लोन अकाउंट महिलाओं के हैं. लगभग 50 फीसदी महिलाएं एससी, एसटी और ओबीसी समूह से आती है. सरकार इस योजना के तहत आवंटन बढ़ा कर 3 लाख करोड़ करेगी ताकि ज्यादा से ज्यादा ओबीसी, एससी और एसटी वर्ग की महिलाओं को अपना कारोबार के लिए लोन मिल सके.
सरकार को जोर महिला सशक्तीकरण पर रहा है.ग्रामीण इलाकों में शौचालय के निर्माण, उज्जवला योजा के तहत गरीब महिलाओं के गैस कनेक्शन और मुद्रा योजना के तहत कारोबार के लिए लोन मुहैया कराना ऐसे ही कदम हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)