बुलंदशहर हिंसा के मुख्य आरोपी योगेश राज को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है. उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस मामले में 3 जनवरी को योगेश राज को गिरफ्तार किया था.
3 दिसंबर 2018 को बुलंदशहर में हिंसा के दौरान पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और स्थानीय युवक सुमित की मौत हो गई थी. ये घटना तब हुई, जब उस क्षेत्र में कथित गौ-हत्या के खिलाफ भीड़ विरोध प्रदर्शन कर रही थी.
योगेश राज पर क्या हैं आरोप
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के स्याना गांव इलाके में कथित गोकशी के शक में फैली हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह सहित एक अन्य युवक का कत्ल कर दिया गया. इस मामले में पुलिस ने 80 से ज्यादा लोगों पर केस दर्ज किया. पुलिस ने योगेश राज पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया और उसे हिंसा का मुख्य आरोपी बताया. पुलिस ने उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 307, 302, 333, 353, 427, 436, 394 के तहत मामला दर्ज किया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक योगेश राज साल 2016 से बजरंग दल का मेंबर है.
पुलिस को कथित गोकशी की सबसे पहले जानकारी देने वाला भी योगेश राज ही था. उसने जो पुलिस को बयान दिया है उसमें कहा कि उसने खेतों में गोकशी होते देखा था. योगेश ने बताया था कि जब वो स्याना गांव के आसपास के खेतों में घूम रहा था तो उसने मुस्लिम समुदाय के 6 लोगों को देखा था. वो लोग एक गाय का कत्ल कर रहे थे.
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