ADVERTISEMENTREMOVE AD

इशरत जहां केस: गुजरात के पूर्व डीजीपी पांडे सीबीआई कोर्ट से बरी

इशरत जहां कथित फर्जी इनकाउंटर मामले में गुजरात के पूर्व आईपीए अफसर को बड़ी राहत

Published
भारत
1 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

सीबीआई अदालत ने इशरत जहां कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में गुजरात के पूर्व प्रभारी पुलिस डीजीपी पी पी पांडे को बरी कर दिया है.

सीबीआई जजे के पांड्या ने पी पी पांडे की अर्जी इस आधार पर मंजूर कर ली कि इशरत जहां और तीन अन्य के अपहरण एवं उनकी हत्या के बारे में उनके खिलाफ कोई कोई सबूत नहीं है.

सीबीआई ने इस मामले की जांच की थी और उस समय अहमदाबाद क्राइम ब्रांच के हेड पांडे पर कथित फर्जी मुठभेड़ में शामिल होने का आरोप लगाया था.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
अदालत ने कहा कि गवाहों के बयान विरोधाभासी हैं. उन्होंने अलग अलग जांच एजेंसियों के सामने अलग अलग गवाही दी है. फैसले के मुताबिक पांडे सरकारी सर्विस में थे लेकिन सीआरपीसी की धारा 197 के अनुसार उनके विरुद्ध आरोपपत्र दायर करने से पहले जांच अधिकारी ने सरकार से मुकदमा चलाने की मंजूरी नहीं ली थी.

सीबीआई ने 2013 में दायर पहली चार्जशीट में आईपीएस अधिकारी पी पी पांडे, डी जी वंजारा और जी एल सिंहल समेत गुजरात पुलिस के सात अधिकारियों को आरोपी बनाया था. इन सभी पर अपहरण, हत्या और साजिश का आरोप लगाया गया था.

सीबीआई ने सप्लिमेंट्री चार्जशीट में आईबी के विशेष निदेशक राजिंदर कुमार और अधिकारी एम एस सिन्हा समेत चार अफसरों पर आरोप लगाए थे. इस पर अभी भी केंद्र की मंजूरी का इंतजार है.

मामला 15 जून 2004 का है जिसमें अहमदाबाद अपराध शाखा के अधिकारियों पर अहमदाबाद के बाहरी इलाके में महाराष्ट्र के मुम्ब्रा की 19 वर्षीय कॉलेज छात्रा इशरत जहां, उसके दोस्त जावेद शेख उर्फ प्रणेश, जीशान जोहर और अमजद राणा की कथित फर्जी मुठभेड़ में हत्या करने का आरोप था.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

0
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×