केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने 36 करोड़ रूपये के विदेशी चंदे के संबंध में कानूनों के कथित उल्लंघन को लेकर शुक्रवार को एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया और उसके तीन सहयोगी संस्थाओं के खिलाफ मामला दर्ज किया.
मामला दर्ज करने के बाद सीबीआई ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और बेंगलुरु में चार स्थानों पर छापा मारकर तलाशी की.
गृह मंत्रालय की शिकायत पर केस दर्ज
CBI के अधिकारियों ने बताया कि गृह मंत्रालय की शिकायत के बाद सीबीआई ने मामला दर्ज किया. गृह मंत्रालय ने विदेशी चंदा विनियमन कानून (एफसीआरए) 2010 और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के कथित उल्लंघन को लेकर शिकायत दर्ज करायी थी.
यह मामला एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, इंडियंस फॉर एमनेस्टी इंटरनेशनल ट्रस्ट, एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया फाउंडेशन ट्रस्ट, एमनेस्टी इंटरनेशनल साउथ एशिया फाउंडेशन और अन्य के खिलाफ दर्ज किया गया था.
अधिकारियों ने बताया, आरोप है कि इन संस्थाओं ने AIIPLK माध्यम से एमनेस्टी इंटरनेशनल यूके से विदेशी चंदा हासिल कर एफसीआरए और भारतीय दंड संहिता का उल्लंघन किया, जबकि एफसीआरए के तहत एआईआईएफटी और अन्य न्यासों को पंजीकरण या अनुमति से मना कर दिया गया था.
आरोप है कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के तहत 10 करोड़ रूपये एमनेस्टी इंडिया में उसके लंदन कार्यालय से आए और गृहमंत्रालय की अनुमति नहीं ली गयी. फिर 26 करोड़ रूपये एमनेस्टी इंडिया में ब्रिटेन स्थित निकायों से आये.
एमनेस्टी इंडिया ने जारी किया बयान
सीबीआई रेड के बाद एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया ने बयान जारी कर कहा कि पिछले एक साल के दौरान उत्पीड़न का एक स्वरूप उभरा है, जब भी एमनेस्टी इंडिया भारत में मानवाधिकार उल्लंघनों के खिलाफ खड़ा हुआ है और बोला है.
एमनेस्टी ने एक बयान में कहा, ‘‘एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया भारतीय और अंतरराष्ट्रीय कानून का पूरी तरह पालन करता है. भारत में और अन्य स्थान पर हमारा काम सार्वभौमिक मानवाधिकार को बरकरार रखना और उसके लिए संघर्ष करना है. ये वही मूल्य हैं जो भारतीय संविधान में सन्निहित हैं और बहुलवाद, सहिष्णुता और असहमति की एक लंबी और समृद्ध भारतीय परंपरा से प्रवाहित होते हैं.’’
एमनेस्टी इंटरनेशनल को ED ने भी दिया था नोटिस
बता दें, इससे पहले सितंबर महीने में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एमनेस्टी इंटरनेशनल को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. एमनेस्टी इंटरनेशनल को यह नोटिस विदेशी मुद्रा कानून के तहत कथित रूप से 51 करोड़ रुपये से ज्यादा के उल्लंघन के मामले में दिया गया था.
इससे पहले केंद्रीय जांच एजेंसी ने पिछले साल भी विदेशी चंदा नियमन कानून (FCRA) के कथित उल्लंघन के आरोपों में संगठन के बेंगलुरु ऑफिस में छापेमारी की थी.
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