सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा के बारे में अब कोई भी फैसला 29 नवंबर तक होने की गुंजाइश खत्म हो गई है. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान इतना तेज गुस्सा आया कि उन्होंने 15 मिनट के अंदर कह दिया आप लोगों की बात सुनने लायक ही नहीं है.
आलोक वर्मा के अधिकार छीनने और उन्हें छुट्टी पर भेजने के फैसले को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर सुनवाई शुरु हुए 15 मिनट में ऐसा ऐसा क्या हो गया कि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को इतना गुस्सा आ गया कि उन्होंने कह दिया मैं मामले की आगे सुनवाई के लिए इच्छुक नहीं.
- चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सीलबंद रिपोर्ट लीक होने पर नाराजगी जताई पूछा आखिर सीलबंद लिफाफे की रिपोर्ट लीक कैसे हो गई?
- CJI ने कहा कि वो कारण दर्ज किए कह रहे हैं कि आज मामले की सुनवाई के इच्छुक नहीं हैं. इस मामले को 29 नवंबर को सुना जाएगा,
- आलोक वर्मा के वकील फली एस नरीमन ने कोर्ट को बताया कि उनकी ओर से सोमवार को मामले का जिक्र करने और जवाब देने के लिए और समय मांगने के लिए किसी को अधिकृत नहीं किया गया था
- नरीमन ने सफाई दी कि आलोक वर्मा को आज (20 नवंबर मंगलवार) को मीडिया से पता चला कि सोमवार को उनका नाम लेकर समय मांगा गया था
- वरिष्ठ वकील फली एस नरीमन के सामने कोर्ट ने कुछ दस्तावेज रखे और उनसे कहा कि बतौर आलोक वर्मा के वकील नहीं, बल्कि बतौर इस देश के सम्मानित वकील सलाह दीजिए कि हमें इस पर क्या करना चाहिए?
- फली एस नरीमन ने इस पर हैरानी जताई कि वो बातें लीक कैसे हो गईं, जिनको वो देर रात तक रिपोर्ट में लिख रहे थे
- इसके बाद कोर्ट ने कहा कि हमें लगता नहीं कि आप लोग अभी सुनवाई के हकदार हैं इसलिए हम मामले की सुनवाई को 29 नवंबर तक के लिए टाल रहे हैं
रिपोर्ट लीक होने पर भड़के CJI ने क्या कहा?
सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा का जवाब मीडिया में लीक हो जाने पर सीजेआई रंजन गोगोई भड़क गए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीबीआई डायरेक्टर का जवाब मीडिया पोर्टल को कथित रूप से लीक होने के संबंध में वह सिर्फ आलोक वर्मा के वकील फली एस. नरीमन की बात सुनेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई 29 नवंबर तक के लिए स्थगित करते हुए CVC समेत किसी भी पक्ष को सुनने से इनकार कर दिया.
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सीबीआई डायरेक्टर का जवाब लीक होने पर कहा-
सुप्रीम कोर्ट का सम्मान बरकरार रखने के हमारे प्रयासों से वकील और याचिकाकर्ता इत्तेफाक नहीं रखते हैं. कोर्ट लोगों के लिये अपनी मनमर्जी की अभिव्यक्ति का मंच नहीं है, यह न्यायिक अधिकारों पर निर्णय करने का स्थान है. हम इसे दुरूस्त करेंगे. हम सीबीआई की गरिमा बनाए रखने के लिए आलोक वर्मा का जवाब गोपनीय रखना चाहते थे.
रिपोर्ट पर द वायर ने दी सफाई
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान CJI रंजन गोगोई ने आलोक वर्मा के जवाब को लेकर एक मीडिया रिपोर्ट का जिक्र करते हुए नाराजगी जताई. गोगोई ने नाराजगी जताते हुए कहा कि आखिर सीलबंद लिफाफे की रिपोर्ट मीडिया में लीक कैसे हो गई. हालांकि, गोगोई ने किसी भी मीडिया संस्थान का नाम नहीं लिया.
इसके बाद न्यूज वेबसाइट द वायर ने सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा को लेकर छापी रिपोर्ट पर सफाई दी है.
वायर ने अपनी सफाई में लिखा है, ‘वायर की खबरें सीवीसी की ओर से किए गए सवालों को लेकर आलोक वर्मा के जवाब पर आधारित थीं. इनका सीलबंद लिफाफे या सुप्रीम कोर्ट से कोई मतलब नहीं था. जहां तक आलोक वर्मा के जवाब की बात है तो उन्होंने सीलबंद लिफाफे में ही अपना जवाब सौंपा है, और द वायर ने उनके जवाब को न देखा है और ना ही छापा किया है.’
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