केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की कक्षा 12वीं के नतीजे रविवार को घोषित किए गए. इस बार भी नतीजों में लड़कियों ने लड़कों से बाजी मार ली. शीर्ष दो स्थानों पर लड़कियां ही रही हैं और लड़कों की तुलना में उनका पास पर्सेंट भी बेहतर रहा.
सीबीएसई के नतीजों के बारे में कुछ खास बातें:
लड़कियों का रहा दबदबा
- नोएडा की एमिटी स्कूल की छात्रा रक्षा गोपाल ने टॉप किया है. रक्षा ने 99.6 फीसदी अंक हासिल किए है.
- चंडीगढ़ के डीएवी स्कूल की छात्रा भूमि सावंत डे ने 99.4 फीसदी अंक हासिल कर दूसरे पायदान पर कब्जा जमाया है.
- सीबीएसई के अनुसार, 78 फीसदी लड़कों की तुलना में कुल 87.5 फीसदी लड़कियों ने परीक्षा पास की है.
- चंडीगढ़ के भवन विद्यालय के आदित्य जैन और मन्नत लूथरा 99.2 फीसदी अंकों के साथ तीसरे स्थान पर रहे हैं.
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पिछले साल से कम स्टूडेंट्स इस साल पास हुए
- 12वीं की परीक्षा के लिए कुल 10,76,761 छात्रों ने पंजीकरण कराया था. लेकिन परीक्षा में सिर्फ 10,20,762 छात्रों ने भाग लिया.
- इस बार कुल पास पर्सेंटेज 82 फीसदी हो गया, जबकि पिछले साल ये 83.05 फीसदी था. इस साल 8,37,229 छात्र पास होने में सफल रहे.
- 10,091 छात्रों ने 95 फीसदी से ज्यादा अंक, जबकि 63,247 छात्रों ने 90 फीसदी से ज्यादा अंक हासिल किए
दिव्यांग श्रेणी में अजय ने पाया पहला स्थान
- इस साल कुल 2,497 दिव्यांग छात्रों ने परीक्षा दी जिसमें से 2,123 छात्र पास हुए. उ
- दिव्यांग श्रेणी में तिरुवनंतपुरम के सेंट थॉमस सेंट्रल स्कूल के अजय के.राज ने पहला स्थान पाया. राज ने 98 फीसदी अंक हासिल किए
- 125 दिव्यांग छात्रों ने 90 फीसदी से ऊपर अंक हासिल किए, जबकि 21 छात्रों ने 95 फीसदी से अधिक अंक हासिल किए.
पीएम ने दी छात्रों को बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने नतीजों की घोषणा के बाद सभी सफल छात्रों को बधाई दी. पीएम मोदी ने एक ट्वीट में कहा,
मेरे सभी युवा मित्रों को सीबीएसई के 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने और भविष्य के लिए मेरी शुभकामनाएं.
केंद्रीय मानव एवं संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सभी छात्रों को बधाई देते हुए टॉपर्स से फोन पर बात की. जावड़ेकर ने परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाने वाले छात्रों से कहा कि जब तक हम प्रयास जारी रखे हुए हैं, तब तक हार अंतिम नहीं है.
उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि टॉपर्स कला, विज्ञान और कॉमर्स ब्रांच से हैं. एक टॉपर अर्थशास्त्री बनना चाहता है तो एक आईएएस अधिकारी, जबकि दो अन्य इंजीनियरिंग और पॉलिटिकल साइंस में हाथ आजमाना चाहते हैं.
बता दें कि सीबीएसई ने 25 अप्रैल को मॉडरेशन नीति को हटाने का प्रस्ताव दिया था, इससे इस साल नतीजों में देरी हुई है. हालांकि, दिल्ली हाईकोर्ट ने इस प्रस्ताव को यह कहते हुए रोक दिया कि खेल के नियम अंतिम समय में नहीं बदले जा सकते.
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