अपने ऊपर बन रही डॉक्यूमेंट्री में कुछ शब्दों को लेकर सेंसर बोर्ड ने जो आपत्ति जताई गई,उस पर मशहूर लेखक और नोबेलिस्ट अमर्त्य सेन ने कहा कि मैं इस फिल्म को लेकर कुछ बात नहीं कह सकता. अमर्त्य सेन के मुताबिक फिल्म को मंजूरी न दिए जाने के मामले पर सरकार को अपने साझेदारों से बात करनी चाहिए.
आपको बता दें कि डायरेक्टर सुमन घोष ने अमर्त्य सेन पर 'ऐन आर्गुमेंटेटिव इंडियन' नाम की डॉक्यूमेंट्री बनाई. सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म के अंदर इस्तेमाल किए गए कुछ शब्दों को लेकर आपत्ति जताई और कहा कि शब्दों को बीप किया जाए.
इस पर मैं क्या कह सकता हूं? फिल्म मैंने नहीं बनाई है. मैं सिर्फ फिल्म का विषय हूं और विषयवस्तु को इन चीजों पर नहीं बोलना चाहिए. जो कहना होगा, फिल्म के डायरोक्टर सुमन घोष कहेंगे”अमर्त्य सेन, नोबेल पुरस्कार विजेता लेखक और इकोनॉमिस्ट
अमर्त्य सेन पर बनी करीब एक घंटे लंबी डॉक्यूमेंट्री में अमर्त्य सेन ने इंटरव्यू के दौरान 'गाय', 'गुजरात', 'हिंदू' और 'हिंदुत्व' जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया जिस पर सेंसर बोर्ड ने आपत्ति जताई है.
सेंसर बोर्ड ने फिल्म के उन हिस्सों से इन शब्दों को हटाने के लिए कहा है और उसका तर्क है कि इससे 'देश की छवि को नुकसान होगा'. हालांकि फिल्म के डायरेक्टर घोष फिल्म से एक भी शब्द हटाने के लिए तैयार नहीं हैं.
सेन ने कहा, “इस विषय पर मैं विवाद नहीं खड़ा करना चाहता. अगर सरकार को मुझ पर बनी फिल्म से किसी तरह की आपत्ति है, तो वो फिल्म के शेयरहोल्डर्स से बात करें. इस विषय पर मेरा कुछ कहना अच्छा नहीं लगेगा”
इस डॉक्यूमेंट्री में अमर्त्य सेन को अपने स्टूडेंट्स और कोर्नेल यूनिवर्सिटी में इकोनॉमिक्स के प्रॉफेसर कौशिक बसु के साथ बेबाकी से बातचीत करते फिल्माया गया है।
-- इनपुट आईएएनएस से
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