कोरोना वायरस महामारी के बीच नए प्रधानमंत्री आवास के बनने की समयसीमा तय हो चुकी है. सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के हिस्से के तौर पर नया प्रधानमंत्री आवास दिसंबर 2022 तक बनकर तैयार हो जाएगा. अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट में CPWD के हवाले से यह जानकारी दी गई है. सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के लिए इस नोडल एजेंसी ने यह भी बताया है कि नया उपराष्ट्रपति आवास मई 2022 तक तैयार हो जाएगा.
राष्ट्रीय राजधानी में लॉकडाउन जारी रहने के बीच भी इस प्रोजेक्ट का काम जारी रहा है. सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत निर्माण के काम को ‘‘जरूरी सेवाओं’’ में शामिल किए जाने की विपक्ष जमकर आलोचना कर चुका है.
सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने कोरोना वायरस महामारी के बावजूद सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को जारी रखने की सरकार की योजना को ‘‘बेतुका’’ बताया है.
येचुरी ने प्रोजेक्ट के तहत बाकी भवनों के लिए केंद्र की ओर से जरूरी पर्यावरण मंजूरी देने संबंधी रिपोर्ट का जिक्र करते हुए मंजूरी के समय को लेकर सवाल किया है.
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘‘यह बेतुका है. ऑक्सीजन और टीकों के लिए पैसे नहीं हैं जबकि हमारे भाई और बहन अस्पताल में बेड के लिए इंतजार करते करते दम तोड़ रहे हैं, लेकिन मोदी अपनी दंभी महत्वकांक्षा को पूरा करने के लिए जनता के पैसों की बर्बादी करेंगे. इस अपराध को बंद करिए.’’
हाल ही में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था, "सेंट्रल विस्टा- जरूरी नहीं। दूरदृष्टि वाली केंद्र सरकार - जरूरी.’’
तृणमूल कांग्रेस नेता डेरेक ओ ब्रायन कह चुके हैं कि इस प्रोजेक्ट पर खर्च होने वाले रुपये भारत के लोगों को टीका लगाने पर खर्च किए जाएं.
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की घोषणा सितंबर 2019 में की गई थी. इसके तहत त्रिकोण के आकार वाले नए संसद भवन का निर्माण किया जाएगा जिसमें 900 से 1200 सांसदों के बैठने की व्यवस्था होगी.
इसे लेकर कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा था, ‘‘13450 करोड़ रुपये की सेंट्रल विस्टा परियोजना कोई विधि सम्मत मुद्दा नहीं है, बल्कि एक ऐसे ‘तानाशाह’ की गलत प्राथमिकताओं का विषय है जो अपना नाम इतिहास में दर्ज कराना चाहते हैं.’’
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