केंद्र सरकार ने एक बार फिर जम्मू-कश्मीर में हाई स्पीड मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर लगाए गए प्रतिबंध का बचाव किया है. उसने कहा है कि 2जी मोबाइल इंटरनेट स्पीड से आम जनता के साथ-साथ स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को जानकारी का आदान-प्रदान करने और COVID नियंत्रण उपायों को करने में कोई बाधा नहीं पहुंची है. लोकसभा में गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने एक लिखित जवाब में यह बात कही है.
रेड्डी ने जम्मू-कश्मीर में इस सीमित मोबाइल इंटरनेट स्पीड को डिजिटल एजुकेशन के लिए भी पर्याप्त बताया है. एनडीटीवी के मुताबिक, उन्होंने रविवार को अपने जवाब में कहा, ''कश्मीर में इंटरनेट सेवाएं पहले से ही फिक्स्ड लाइन पर उपलब्ध हैं और वो भी बिना किसी स्पीड प्रतिबंध के, और साथ ही 2जी स्पीड मोबाइल डेटा सेवाएं भी 24 जनवरी 2020 से चालू हैं. सोशल मीडिया साइट्स को एक्सेस करने पर प्रतिबंध भी मार्च से हटा दिया गया है.
इसके अलावा उन्होंने कहा, ‘’ई-लर्निंग ऐप और शिक्षा और सरकार की ई-लर्निंग वेबसाइट्स, ई-बुक और अन्य अध्ययन सामग्री डाउनलोड करने के लिए 2 जी इंटरनेट पर एक्सेसिबल हैं.’’
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के सवाल के लिखित जवाब में रेड्डी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर सरकार ने बताया है कि पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य के संबंध में संसद द्वारा पिछले साल अगस्त में किए गए संवैधानिक बदलावों के मद्देनजर लोक व्यवस्था कायम रखने के लिए कई तरह के उपाय किए गए थे.
उन्होंने कहा कि इनमें कुछ लोगों को एहतियातन डिटेन करना शामिल था, 11 सितंबर की स्थिति के मुताबिक, 223 लोग डिटेन किए गए हैं.
बता दें कि राहुल ने अपने सवाल में जम्मू-कश्मीर में सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत डिटेन किए गए नेताओं का ब्योरा पूछा था. उन्होंने यह भी पूछा था कि क्या जम्मू-कश्मीर में 4जी सेवाओं को बहाल करने का विचार है.
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