केंद्र सरकार दिल्ली-एनसीआर में डीजल टैक्सी पर लगे प्रतिबंध पर छूट पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंची. सरकार ने कोर्ट में बताया कि इस प्रतिबंध से ‘बीपीओ’ प्रभावित हो रहे हैं, जो अपने कर्मचारियों को लाने और ले जाने में टैक्सियों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करते हैं. इनमें डीजल टैक्सी भी शामिल हैं.
सरकार की तरफ से यह पक्ष रखा गया कि बीपीओ के जरिए फॉरेन एक्सचेंज से डॉलर आते हैं. यदि उन्हें यहां संचालन के लिए सही सुविधा नहीं मिलेगी, तो वे दूसरे देशों में भी जा सकते हैं.
दिल्ली में डीजल टैक्सियों पर रोक लगाए जाने का मामला मंगलवार को लोकसभा में भी उठा था, जिसमें केंद्र सरकार से हस्तक्षेप करते हुुए सुप्रीम कोर्ट में मामले की अपील किए जाने की मांग की गई थी. मामले की अगली सुनवाई सोमवार को होगी.
दिल्ली सरकार भी पहुंची थी सुप्रीम कोर्ट
दिल्ली-एनसीआर में डीजल टैक्सी पर प्रतिबंध को लेकर टैक्सी ड्राइवर सड़कों पर उतर आए थे. इसके बाद मंगलवार को दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील कर कहा थी कि उन्हें डीजल टैक्सियां हटाने के लिए समय दिया जाए. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने डीजल टैक्सियों को हटाने के लिए सरकार से विस्तृत योजना पेश करने को कहा था.
1 मई से लगा है प्रतिबंध
सुप्रीम कोर्ट ने राजधानी में प्रदूषण कम करने के लिए 1 मई से डीजल टैक्सियों पर रोक लगा थी. इस फैसले से लगभग 40 हजार टैक्सियां सड़क से हट गईं. इससे लोगों को दिल्ली-एनसीआर आने-जाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
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