ADVERTISEMENTREMOVE AD

26 जनवरी को राजपथ पर नहीं दिखेगी बंगाल की झांकी, प्रस्ताव हुआ रद्द

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक नियमों के तहत ही पश्चिम बंगाल की झांकी के प्रस्ताव को आगे न बढ़ाने का फैसला किया

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

रक्षा मंत्रालय का एक फैसला पश्चिम बंगाल और केंद्र के बीच नया विवाद पैदा कर सकता है. मंत्रालय ने इस साल गणतंत्र दिवस समारोह में दिखाई जाने वाली पश्चिम बंगाल की झांकी रद्द कर दी है. इस बार केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 16 और केंद्रीय मंत्रालयों की छह झांकियों के प्रस्ताव स्वीकार किए हैं. कुल 56 झांकियों के प्रस्तावों में से इन्हें चुना गया है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

रक्षा मंत्रालय ने कहा,दो दौर की बैठक के बाद रद्द करने का फैसला

रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि एक्सपर्ट कमेटी ने दो दौर की मीटिंग में पश्चिम बंगाल की झांकी के प्रस्ताव की जांच की. इसके बाद इसे रद्द करने का फैसला किया गया. एक्सपर्ट कमेटी ने कहा कि पश्चिम बंगाल के झांकी के प्रस्ताव पर विचार करने और दो दौर की बैठकों के बाद भी इसे आगे बढ़ाने का फैसला नहीं किया गया. इसमें आगे कहा गया है.

इस बात का जिक्र जरूरी है कि 2019 में पश्चिम बंगाल की झांकी के प्रस्ताव को मंजूर करने के लिए यही प्रक्रिया अपनाई गई थी. मंत्रालय को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 32 झांकियों के प्रस्ताव मिले थे. 24 प्रस्ताव केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों से मिले थे. 

विशेषज्ञों की एक्सपर्ट कमेटी करती है प्रस्तावों की जांच

26 जनवरी की झांकियों के प्रस्ताव के चयन के लिए केंद्र के अपने नियम हैं. उनके मुताबिक रक्षा मंत्रालय सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों से प्रस्ताव मांगता है. इन प्रस्तावों पर एक एक्सपर्ट कमेटी विचार करती है. कमेटी में कला, संस्कृति, पेंटिंग, मूर्ति कला, संगीत, आर्किटेक्चर और कोरियोग्राफी से जुड़ी हस्तियां होती हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

इन प्रस्तावों को झांकी में शामिल करने सिफारिश इनकी थीम, कॉन्सेप्ट, डिजाइन और विजुअल इम्पैक्ट के आधार पर की जाती है. मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि वक्त की कमी की वजह से सीमित संख्या में झांकियों के प्रस्ताव मंजूर किए गए.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

बहरहाल, पश्चिम बंगाल की झांकी के प्रस्ताव को खारिज किए जाने के पीछे केंद्र से इसके विवाद को जिम्मेदार माना जा रहा है. नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर पश्चिम बंगाल की ममता सरकार और केंद्र एक दूसरे के आमने-सामने है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×