केंद्र के 3 नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने शनिवार को 3 घंटे के 'चक्का जाम' के दौरान पंजाब और हरियाणा समेत देश के कई हिस्सों में सड़कें ब्लॉक कर दीं. इस बीच दिल्ली और बेंगलुरु में प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी ले लिया गया.
किसानों के ‘चक्का जाम’ से जुड़ी 10 बड़ी बातें
- किसानों ने जम्मू-पठानकोट हाईवे, अमृतसर-दिल्ली नेशनल हाईवे, शाहजहांपुर (राजस्थान-हरियाणा) बॉर्डर के पास राष्ट्रीय राजमार्ग समेत कई राष्ट्रीय और राजकीय राजमार्ग पर 'चक्का जाम' किया.
- तेलंगाना में पुलिस ने हैदराबाद के बाहरी इलाके में एक हाईवे से प्रदर्शनकारी किसानों को हटा दिया.
- न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, दिल्ली में पुलिस ने शहीदी पार्क इलाके से उन प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया, जो 'चक्का जाम' के तहत नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे.
- कर्नाटक के बेंगलुरु में भी पुलिस ने 'चक्का जाम' के तहत येलहनका पुलिस स्टेशन के बाहर प्रदर्शन कर रहे लोगों को हिरासत में ले लिया.
- इस बीच, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, ''चक्का जाम हर जगह शांतिपूर्ण ढंग से किया जा रहा है. अगर कोई भी अप्रिय घटना होती है तो दंड दिया जाएगा.''
- प्रदर्शनकारी किसान संगठनों ने सोमवार को ऐलान किया था कि प्रदर्शन स्थलों के आसपास के इलाकों में इंटरनेट पर पाबंदी लगाने, अधिकारियों द्वारा कथित रूप से प्रताड़ित किए जाने और बाकी मुद्दों को लेकर वे 6 फरवरी दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक देशव्यापी 'चक्का जाम' करेंगे.
- भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा था कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में चक्का जाम नहीं होगा, लेकिन इन दोनों राज्यों के किसानों को किसी भी समय दिल्ली बुलाया जा सकता है. संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बयान में कहा था, ‘‘दिल्ली के अंदर चक्का जाम नहीं होगा क्योंकि प्रदर्शन के सभी स्थल पहले से ही चक्का जाम मोड में हैं. दिल्ली में प्रवेश के सभी मार्ग खुले रहेंगे, केवल वही मार्ग बंद रहेंगे, जहां किसानों का प्रदर्शन चल रहा है.’’
- हालांकि, 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली की दौरान हुई हिंसा के बाद 'चक्का जाम' के मद्देनजर दिल्ली में ऐहतियात के तौर पर सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया गया. एनडीटीवी के मुताबिक, दिल्ली-NCR में पुलिस, अर्धसैनिक बल, रिजर्व फोर्स के करीब 50,000 जवानों की तैनाती की गई.
- दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआसी) ने भी एहतियात के तौर पर मध्य और उत्तरी दिल्ली के कम से कम आठ मेट्रो स्टेशनों के गेटों को बंद कर दिया.
- बता दें कि प्रदर्शनकारी किसान कृषक (सशक्तीकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार अधिनियम 2020, कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) अधिनियम 2020 और आवश्यक वस्तु संशोधन अधिनियम 2020 का विरोध कर रहे हैं.
तीनों नए कृषि कानूनों को सरकार ने कृषि क्षेत्र में एक बड़े सुधार के रूप में पेश किया है और कहा है कि इससे बिचौलिये हट जाएंगे और किसान देश में कहीं भी अपनी उपज बेच पाएंगे.
हालांकि किसान संगठनों को आशंका है कि इन कानूनों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और मंडी व्यवस्था खतरे में आ जाएगी और किसानों को बड़े औद्योगिक घरानों पर निर्भर छोड़ दिया जाएगा. मगर सरकार ने कहा है कि एमएसपी और मंडी व्यवस्था बनी रहेगी.
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