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चंद्रयान-2 पर NASA ने की ISRO की जमकर तारीफ, प्रेरणा बताया

NASA ने भविष्य में ISRO के साथ काम करने की इच्छा भी जताई है

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भारत
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अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA सहित दुनियाभर की कई स्पेस एजेंसियों ने भारत के दूसरे चंद्रमिशन चंद्रयान-2 के लिए ISRO की तारीफ की है. NASA ने भविष्य में ISRO के साथ काम करने की इच्छा भी जताई है.

NASA ने अपने एक ट्वीट में लिखा है- ''अंतरिक्ष मुश्किलों से भरा है. चांद के दक्षिण ध्रुव पर चंद्रयान-2 मिशन को लैंड कराने की ISRO की कोशिश की हम सराहना करते हैं. आपने अपने सफर से हमें प्रेरित किया है.''

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स्पेस सेक्टर में भारत रणनीतिक खिलाड़ी: UAE स्पेस एजेंसी

UAE स्पेस एजेंसी ने भी मिशन चंद्रयान-2 को लेकर ट्वीट किया है. उसने लिखा है- ''चंद्रयान-2 स्पेसक्राफ्ट, जो चांद पर उतरने जा रहा था, उससे संपर्क टूटने के बाद UAE स्पेस एजेंसी ISRO को पूरे समर्थन के लिए आश्वस्त करती है. स्पेस सेक्टर में भारत रणनीतिक खिलाड़ी साबित हुआ है.''

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ऑस्ट्रेलियन स्पेस एजेंसी ने भी ISRO की तारीफ में किया ट्वीट

ऑस्ट्रेलियन स्पेस एजेंसी ने मिशन चंद्रयान-2 को लेकर लिखा है- ''चांद पर अपना मिशन साकार करने से विक्रम लैंडर कुछ ही किलोमीटर दूर था. ISRO, हम आपकी कोशिशों और अंतरिक्ष में हमारे सफर को जारी रखने की प्रतिबद्धता की सराहना करते हैं. ''

चंद्रयान-2 का लैंडर विक्रम 6 और 7 सितंबर की दरम्यानी रात चांद के दक्षिणी धुव्रीय क्षेत्र में सॉफ्ट लैंडिंग करने जा रहा था. वो जब चांद की सतह से 2.1 किलोमीटर की दूरी पर था, तभी उसका संपर्क इसरो से टूट गया. 

बता दें कि भारत ने अपने हेवी लिफ्ट रॉकेट जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल GSLV MkIII-M1 की मदद से 22 जुलाई को चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण किया था. स्पेसक्राफ्ट के तीन सेगमेंट थे- ऑर्बिटर (वजन 2,379 किलोग्राम, 8 पेलोड्स), लैंडर 'विक्रम' (1,471 किलोग्राम, 3 पेलोड्स) और एक रोवर 'प्रज्ञान' (27 किलोग्राम, 2 पेलोड्स). 2 सितंबर को दोपहर 1 बजकर 15 मिनट पर लैंडर ‘विक्रम’ ऑर्बिटर से सफलतापूर्वक अलग हो गया था. ऑर्बिटर का चांद के चक्कर लगाना जारी है.

ये भी देखें- चंद्रयान 2: चांद से महज 2.1 KM दूर था लैंडर, फिर कहां हुई गड़बड़ी?

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