चेन्नई में अतिक्रमण अभियान के दौरान एक महिला का घर तोड़े जाने के बाद उसने सड़कों पर खाना बनाना शुरू कर दिया. पीड़ित महिला ने बताया कि हमारे पास घर के सभी दस्तावेज हैं. बिना किसी सूचना के इसे तोड़ दिया गया. मैंने यहां सड़कों पर खाना बनान शुरू कर दिया है क्योंकि खाना बनाने के लिए और कोई जगह नहीं है.
प्रिया ने आगे बताया कि अधिकारियों का कहना है कि वे परिवार में केवल तीन सदस्यों को आवास योजना के तहत घर देंगे. उन्होंने हम सभी को बेघर कर दिया है. मेरी बीमार मां और मेरे बच्चे हैं. मैं यहां से नहीं जाऊंगी.
अतिक्रमण अभियान के विरोध में व्यक्ति ने किया आत्महत्या
दूसरी ओर चेन्नई में अतिक्रमण अभियान को तेज करने के विरोध में गोविंदसामी नगर के एलंगो स्ट्रीट निवासी 58 साल के एक व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली. जी. कन्नैयन के परिवार ने बताया है कि वह 90 फीसदी जल गए हैं और उन्हें सरकारी किलपौक मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
द हिंदू की एक रिपोर्ट के मुताबिक, श्री कन्नैयन के बेटे के सुरेश ने मानव अधिकारों के उल्लंघन में बेदखली का आरोप लगाते हुए संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) से इस मुद्दे पर स्वत: संज्ञान लेने की अपील की
चेन्नई के अलावा, देश के कुछ हिस्सों में अतिक्रमण विरोधी अभियान चल रहे हैं. देश की राजधानी दिल्ली में भी दक्षिण दिल्ली नगर निगम ने दक्षिणी दिल्ली के शाहीन बाग में एक अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया, जो 2019 में नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ विरोध का गवाह बना था.
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