तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता की मौत का मुद्दा एक बार फिर गरमाता दिख रहा है. चेन्नई पुलिस ने शनिवार को एक डॉक्टर (न्यूट्रनिस्ट) को गिरफ्तार किया है. इस डॉक्टर का दावा है कि जयललिता की मौत 22 सितंबर को अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती कराए जाने से पहले ही हो चुकी थी.
रामा सीता नाम की इस डॉक्टर को अपोलो हॉस्पिटल की ओर से दर्ज कराई गए एफआईआर के बाद गिरफ्तार किया गया है. अपोलो की शिकायत के मुताबिक, रामा सीता ने जयललिता की भतीजी दीपा जयाकुमार के समर्थकों की ओर से आयोजित किए गए एक कार्यक्रम को संबोधित किया था, जिसमें उन्होंने जयललिता की मौत को लेकर चौंकाने वाला दावा किया. बाद में ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.
रामा सीता ने अपने भाषण में दावा किया कि जयललिता को आईसीयू में शिफ्ट किए जाने से पहले ही उनकी मौत हो चुकी थी. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जयललिता को हॉस्पिटल में भर्ती किए जाने के 20 दिन बाद ही एमजीआर मैमोरियल पर उन्हें दफनाने के किए इंतजाम पूरे कर लिए गए थे.
डॉक्टर रामा सीता ने यह भाषण ठीक उसी वक्त दिया, जब 6 फरवरी को तमिलनाडु सरकार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जयललिता की मौत को लेकर फैल रही अफवाहों का अंत करने की कोशिश कर रही थी.
इस वीडियो के वायरल होने के बाद ही चेन्नई अपोलो हॉस्पिटल ने पुलिस में शिकायत की. पुलिस का कहना है कि न्यूट्रनिस्ट रामा सीता ने कभी भी अपोलो हॉस्पिटल के साथ काम नहीं किया है.
माना जा रहा है कि रामा सीता ने सिर्फ नई पार्टी बनाने वाली जयललिता की भतीजी दीपा का ध्यान खींचने के लिए ही इस तरह की अफवाह फैलाई.
जयललिता को बीते साल 22 सितंबर को बुखार और पानी की कमी के चलते चेन्नई के अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. इसके बाद से अपोलो हॉस्पिटल के डॉक्टर्स की एक टीम ब्रिटिश डॉक्टर रिचर्ड के साथ उनका मिलकर इलाज कर रही थी. 5 दिसंबर को जयललिता का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया.
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