चीन ने रविवार को गोवा में संपन्न हुई ब्रिक्स समिट के तुरंत बाद पाकिस्तान का बचाव करने की कोशिश की है. ब्रिक्स समिट में पीएम मोदी ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना उसे आतंक की जननी कहा था. चीन के विदेश मंत्रालय ने पीएम मोदी के इस बयान का खुला विरोध किया है.
चीन को नहीं मंजूर पीएम मोदी का बयान
चीनी विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान का बचाव करते हुए कहा है कि वह किसी देश या धर्म को आतंकवाद के साथ जोड़े जाने के विरुद्ध है और उसने विश्व बिरादरी से पाकिस्तान के ‘महान बलिदानों' को स्वीकार करने का आह्वान किया.
चीन किसी देश को आतंकवाद के साथ जोड़े जाने के विरुद्ध है. चीन और पाकिस्तान हर मौसम के दौस्त हैं. पाक ने आतंकवाद से लड़ाई में बड़े बलिदान दिए हैं और वैश्विक समुदाय को इसे मानना चाहिए.हुआ चुनयिंग, चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता
पीएम मोदी द्वारा भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने वाले आतंकी संगठनों की आलोचना पर चीन ने कहा है कि आतंकवाद निरोध पर चीन का रुख सुसंगत है.
पीएम मोदी के मुताबिक नहीं रही ब्रिक्स की स्क्रिप्ट
उरी अटैक के बाद से भारत सरकार पाकिस्तान को दुनिया में अलग-थलग करने में लगी हुई है. इस सिलसिले में भारतीय रक्षामंत्री ने सयुंक्त राष्ट्र की महासभा में पाकिस्तान पर कड़ा भाषण दिया है. इसके साथ ही भारत कई डिप्लोमेटिक स्तरों पर पाकिस्तान को दुनिया में आइसोलेट करने में लगा हुआ है.
भारत के गोवा में संपन्न हुई ब्रिक्स समिट में भी भारत ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना उस पर जमकर निशाना साधा. भारत ने ज्वॉइंट स्टेटमेंट में आतंकवाद पर जोर देते हुए कहा कि भारत के पड़ोस में आतंक की जननी है.
बीजिंग पहुंचते ही चीन ने बदला अपना रुख
ब्रिक्स में जारी हुए स्टेटमेंट के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी मौजूद थे लेकिन इस स्टेटमेंट का विरोध नहीं किया गया. वहीं, ब्रिक्स समिट खत्म होने के 24 घंटे के अंदर चीनी विदेश मंत्रालय ने भारत सरकार के बयान पर आपत्ति दर्ज की है.
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