भारत ने एक बार फिर चीनी मोबाइल ऐप्स को लेकर कार्रवाई की है और पब्जी मोबाइल गेम समेत 118 ऐप्स को बैन कर दिया है. अब इसे लेकर चीन की तरफ से भी रिएक्शन आया है. चीन के वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से इसका कड़ा विरोध किया गया है. चीन ने इसे अपने इनवेस्टर्स के कानूनी हकों के खिलाफ बताया है. साथ ही ये भी कहा गया है कि भारत को अपनी गलती को सुधारना चाहिए.
पहले भी कई चीनी ऐप्स पर लग चुका है बैन
चीन की तरफ से ये बयान तब आया है जब भारत सरकार ने निजी जानकारियों को खतरा बताते हुए चीन के 118 ऐप्स को बैन कर दिया. इस लिस्ट में इंडिया में काफी ज्यादा पॉपुलर मोबाइल गेम पब्जी भी शामिल है. ऐसा पहली बार नहीं है जब भारत ने चीनी ऐप्स को बैन किया है. पहले भी जब जून के महीने में गलवान घाटी में हिंसक झड़प हुई थी तो भारत ने चीन के 59 ऐप बैन कर दिए थे. इसमें वीडियो ऐप टिक टॉक भी शामिल था, जिसके भारत में करोड़ों यूजर्स थे.
पिछली बार भी चीनी ऐप्स पर तब कार्रवाई हुई थी जब चीनी सेना ने सीमा पर समझौतों का उल्लंघन किया था. इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ. चीन की तरफ से 29 अगस्त से लेकर 31 अगस्त तक कई बार एलएसी पर घुसपैठ की कोशिशें हुईं. जिन्हें भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया. इन सभी घटनाओं के तुरंत बाद भारत सरकार ने ऐलान किया कि चीन के 118 ऐप्स को बैन कर दिया गया है.
भारत सरकार ने पिछली बार की तरह इस बार भी कहा कि ये चीनी ऐप्स लोगों का डेटा कलेक्ट करते हैं और उसे आगे शेयर किया जाता है. जिससे देश की सुरक्षा को एक बड़ा खतरा पैदा हो सकता है. इसीलिए इन ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया गया है.
PUBG के भारत में करोड़ों यूजर्स
PUBG मोबाइल ऐप की भारत में जबरदस्त लोकप्रियता है. युवाओं में इस गेम को खेलने की जबरदस्त धुन सवार रहती थी. भारत में PUBG मोबाइल गेमिंग एप के करीब 5 करोड़ डाउनलोड और करीब 3.3 करोड़ यूजर्स हैं. PUBG मोबाइल एप को चीनी कंपनी टेनसेंट ने कोड किया है, लेकिन इसकी मेजॉरिटी शेयर होल्डिंग कंपनी साउथ कोरियन कंपनी ब्लूहोल है. ब्लूहोल कंपनी ने ही PUBG गेम का डेस्कटॉप वर्जन क्रिएट किया था. हालांकि टेनसेंट की PUBG मोबाइल में भी 11.5% की हिस्सेदारी है.
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