चीन की तरफ से भारत में बड़े स्तर पर निगरानी की एक रिपोर्ट सामने आई है. इस रिपोर्ट के मुताबिक, शेंझेन-बेस्ड एक टेक्नोलॉजी कंपनी 'फॉरेन टार्गेट्स' के अपने ग्लोबल डेटाबेस में 10,000 से ज्यादा भारतीय लोगों और संगठनों की निगरानी कर रही है. अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में बताया गया है कि इस कंपनी के चीनी सरकार और चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी (Chinese Communist Party) के साथ संबंध हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि झेनहुआ डेटा इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी कंपनी लिमिटेड की तरफ से रियल टाइम में, भारत में टारगेट्स की निगरानी की सीमा व्यापक है. इनमें सरकार, विपक्षी दल, सेना, न्यायपालिका, कारोबार, मीडिया, खेल आदि से जुड़े कई बड़े और प्रभावशाली नाम भी शामिल हैं.
निगरानी वाली लिस्ट में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनका परिवार शामिल है. कैबिनेट मंत्रियों में से राजनाथ सिंह, रविशंकर प्रसाद, निर्मला सीतारमण, स्मृति ईरानी और पीयूष गोयल के नाम इस लिस्ट में हैं.
लिस्ट में कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों के नाम भी हैं, जिनमें ममता बनर्जी, अशोक गहलोत, अमरिंदर सिंह, उद्धव ठाकरे, नवीन पटनायक और शिवराज सिंह चौहान शामिल हैं.
इसके अलावा चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत, भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, सीएजी जीसी मुर्मू, रतन टाटा और गौतम अडाणी जैसे बड़े कारोबारी भी झेनहुआ के निगरानी लक्ष्यों में शामिल हैं.
इस निगरानी के ऐसे समय में मायने और बढ़ जाते हैं, जब चीन का भारत के साथ सीमा पर कई महीनों से गतिरोध जारी है. इतना ही नहीं, झेनहुआ का दावा है कि वो चीनी खुफिया, सैन्य और सुरक्षा एजेंसियों के साथ काम करती है.
रिकॉर्ड बताते हैं कि झेनहुआ को अप्रैल 2018 में एक कंपनी के रूप में पंजीकृत किया गया था, कई देशों और क्षेत्रों में इसके 20 प्रोसेसिंग सेंटर स्थापित किए थे.
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