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चिन्मयानंद केसः दोस्तों समेत लड़की के खिलाफ जबरन उगाही का केस दर्ज

चिन्मयानंद पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली लड़की के खिलाफ जबरन उगाही और सबूत मिटाने का आरोप

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पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली लॉ स्टूडेंट और उसके तीन दोस्तों के खिलाफ स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (SIT) ने अवैध वसूली का केस दर्ज किया है.

सूत्रों ने बताया कि SIT ने लॉ स्टूडेंट के खिलाफ सबूत गायब करने का भी केस दर्ज किया है. बता दें, एसआईटी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद को शुक्रवार को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.

चिन्मयानंद के वकील ओम सिंह ने बताया कि वे शनिवार को जमानत के लिए कोर्ट नहीं जा सके, क्योंकि स्थानीय अधिवक्ता शाहजहांपुर को इलाहाबाद हाई कोर्ट को लखनऊ बेंच के साथ जोड़े जाने की मांग को लेकर हड़ताल पर थे.

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तीन दोस्तों समेत आरोप लगाने वाली लड़की के खिलाफ केस दर्ज

सूत्रों के मुताबिक, SIT ने शुक्रवार को चिन्मयानंद पर आरोप लगाने वाली लॉ स्टूडेंट और उसके तीन दोस्तों संजय सिंह, सचिन सेंगर और विक्रम उर्फ दुर्गेश के खिलाफ केस दर्ज किया है. लॉ स्टूडेंट को (मिस A) नाम दिया गया है.

जानकारी के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के आधार पर लड़की के नाम का खुलासा नहीं किया जा रहा है, इसलिए चिन्मयानंद पर आरोप लगाने वाली लॉ स्टूडेंट को मिस A नाम दिया गया है.

चिन्मयानंद पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली लड़की के खिलाफ जबरन उगाही और सबूत मिटाने का आरोप

SIT चीफ नवीन अरोड़ा ने बताया कि लॉ स्टूडेंट के तीन दोस्तों से उस वीडियो क्लिप के बारे में पूछताछ की गई थी, जिसमें वे जबरन वसूली पर चर्चा कर रहे थे. इसके बाद उन्होंने इस मामले में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली थी.

उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 385 (जबरन वसूली), 506 (आपराधिक धमकी), 201 (साक्ष्य मिटाना), 35 (आपराधिक इरादे से किया गया आपराधिक कार्य) और इंफॉर्मेशन टेक्नॉलजी एक्ट, 67 के तहत केस दर्ज किया गया है. अरोरा ने बताया की SIT ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.

अरोड़ा ने बताया कि एक जनवरी 2019 से लड़की ने संजय से लगभग 4200 बार फोन पर बात की जबकि उसने चिन्मयानंद से लगभग 200 बार बात की. पीड़िता और संजय के मैसेज भी देखे गए हैं जिनके जरिए ये संदेशों का आदान-प्रदान करते थे.

लॉ स्टूडेंट ने आरोपों पर दी सफाई

अपने नाम को जबरन वसूली के मामले में शामिल किए जाने पर लॉ स्टूडेंट ने कहा-

मुझे नहीं पता कि चिन्मयानंद से बचने में मदद करने वाले लोग मेरा इस्तेमाल कर रहे थे. मेरा जबरन वसूली के मामले से कोई लेना-देना नहीं है. मुझे लगता है कि बलात्कार के मेरे आरोपों को कम करने के लिए यह सब नाटक किया जा रहा है.

इस बीच, जेल अधीक्षक राकेश कुमार ने कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री को जेल में कोई विशेष सुविधा नहीं दी गई है और उन्होंने अपनी पहली रात एक बैरक में एक सामान्य कैदी के रूप में बिताई.

चिन्मयानंद ने शुक्रवार की दोपहर और रात का भोजन किया. इसके बाद वह रात लगभग 10.30 बजे सोने चले गए. उन्होंने शनिवार सुबह 3.30 बजे उठकर बैरक में टहलने के अलावा करीब एक घंटे तक ध्यान लगाया.
राकेश कुमार, जेल अधीक्षक

चिन्मयानंद ने कबूल किया अपना अपराध

अपनी गिरफ्तारी के बाद, चिन्मयनाद ने एसआईटी को बताया था कि वह अपने व्यवहार पर शर्मिंदा हैं.

जब आपको सब पता ही चल गया है तो मुझे कुछ नहीं कहना. मैं अपना अपराध स्वीकारता हूं और अपने कृत्य के लिए शर्मिन्दा हूं.

लॉ स्टूडेंट का कहना है कि वह उन आरोपों से संतुष्ट नहीं है, जिनके तहत चिन्मयानंद को गिरफ्तार किया गया है. उसने कहा, "यह उसके खिलाफ मामले को कमजोर करने की कोशिश है."

बता दें, उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा गठित SIT सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर मामले की जांच कर रही है.

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