वीडियो एडिटर: पूर्णेंदु प्रीतम
वायुसेना चीफ एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने चंडीगढ़ में एक समारोह में चिनूक हेलीकॉप्टर को वायुसेना में शामिल किया. अमेरिकी कंपनी बोइंग के सबसे अच्छे प्रोडक्ट्स में एक चिनूक हेलीकॉप्टर हैवी लिफ्ट हेलीकॉप्टर है. यह सैनिक साजोसामान के ट्रांसपोर्टेशन में काफी कारगर हेलीकॉप्टर माना जाता है. राहत अभियान के दौरान भी यह खास भूमिका निभाता है. भारत जो CH-47 चिनूक खरीद रहा है उसमें इसके वायुसेना के हिसाब से बदलाव किया गया है. आइए जानते हैं इसकी खासियतें.
गेम चेंजर साबित होगा चिनूक
बेहद तेज रफ्तार हेलीकॉप्टर चिनूक 315 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता है. यह मल्टी रोल, वर्टिकल लिफ्ट प्लेटफॉर्म वाला हेलीकॉप्टर है. जो सैनिकों और उनके हथियार, साजोसामान और ईंधन को लेकर एक जगह से दूसरी जगह जा सकता है. प्राकृतिक आपदाओं के दौरान भी लोगों को किसी दुर्गम जगह से निकालने और राहत अभियान वाली जगहों पर रसद और दूसरी चीजें पहुंचाने में ये अहम भूमिका निभाता है. फिलहाल चिनूक 19 देशों की सेनाओं के पास है.
लादेन को मारने में हुआ था चिनूक इस्तेमाल
चिनूक पूरी तरह इंटिग्रेटेड, डिजिटल कॉकपिट मैनेजमेंट सिस्टम और कॉमन एविएशन आर्किटेक्चर वाला हेलीकॉप्टर है. इसमें सामानों को लाने और ले जाने के लिए एडवांस हैंडलिंग सिस्टम है और वायुसेना के अलग-अलग ऑपरेशनों के लिए काफी मुफीद है.
चिनूक इस हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल लादेन को मारने में किया गया था. इराक और वियतनाम युद्ध में भी इसका काफी इस्तेमाल हुआ था.बोइंग ने इसमें वक्त के साथ कई बदलाव किए हैं.
इसके कॉकपिट में बदलाव के साथ-साथ इसके रोटर ब्लैड, एंडवांस्ड फ्लाइट कंंट्रोल सिस्टम समेत कई दूसरे बदलाव कर इसके वजन को कम किया गया है. फिलहाल यह अमेरिका का सबसे तेज हेलीकॉप्टर में से एक है.
स्पेशल फोर्सेज के लिए काफी कारगर
भारत ने जो चिनूक खरीदा है, वह CH सीरीज का और यह 9.6 टन वजन उठा सकता है यह भारी मशीनरी, तोप और बख्तरबंद गाड़ियां ट्रांसपोर्ट कर सकता है. MH हेलीकॉप्टर सीरीज CH सीरीज से अलग है. इन्हें ऑपरेशन में शामिल किया जाता है. MH सीरिज के हेलीकॉप्टर में हवा में ही तेल भरा जा सकता है. इनको खासतौर पर स्पेशल फोर्सेज के लिए ही तैयार किया गया.
2015 में चिनूक के लिए हुआ था करार
इंडियन एयरफोर्स ने 2015 में 15 चिनूक हेलीकॉप्टरों के लिए ऑर्डर दिया था. अगस्त 2017 में भारतीय सेना के लिए अमेरिकी कंपनी बोइंग से 4168 करोड़ रुपये की लागत से छह अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर, 15 चिनूक भारी मालवाहक हेलीकॉप्टर अन्य हथियार प्रणाली खरीदने के लिए मंजूरी दी थी.
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