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CAA के खिलाफ: हिरासत में लिए गए लोगों के नाम, धर्म, जाति और कपड़े 

ये लोग किसी खास धर्म, रंग या गुट से नहीं बल्कि अलग-अलग संगठनों और सियासी पार्टियों का प्रतिनिधित्व करते हैं.

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वीडियो एडिटर: मोहम्मद इब्राहिम

दिल्ली, लखनऊ, अहमदाबाद, मुंबई, हैदराबाद, बेंगलुरु, चंडीगढ़, कोलकाता, भोपाल, चेन्नई समेत कई शहरों में नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं. प्रदर्शन में छात्र, युवा, सामाजिक कार्यकर्ता, विपक्षी पार्टियों के नेता भी शामिल हो रहे हैं. ये लोग किसी खास धर्म, रंग या गुट से नहीं बल्कि अलग-अलग यूनिवर्सिटिज, इंस्टीट्यूट, संगठनों और सियासी पार्टियों का प्रतिनिधित्व करते हैं.

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डी राजा, सीताराम येचुरी, वृंदा करात, योगेंद्र यादव, प्रशांत भूषण, हर्ष मंदर, सुधींद्र कुलकर्णी, अजय माकन, संदीप दीक्षित, पप्पू यादव, उमर खालिद , एक्टर फरहान अख्तर, अविजित दत्त जैसे लोग गुरुवार को अलग-अलग शहरों में सड़कों पर उतरे और नागरिकता कानून के खिलाफ चल रहे देशव्यापी प्रदर्शन को समर्थन दिया.

योगेंद्र यादव: स्वराज इंडिया के फाउंडर और राजनीतिक विश्लेषक योगेंद्र यादव को दिल्ली में पुलिस ने हिरासत में लिया. वो लाल किला से आयोजित होने जा रहे है प्रदर्शन में हिस्सा लेने जा रहे थे.

ये लोग किसी खास धर्म, रंग या गुट से नहीं बल्कि अलग-अलग  संगठनों और सियासी पार्टियों का प्रतिनिधित्व करते हैं.
पुलिस ने स्वराज इंडिया पार्टी के चीफ योगेंद्र यादव को भी गिरफ्तार कर लिया है.

रामचंद्र गुहा: देश के करोड़ों छात्रों को इतिहास सिखाने वाले इतिहासकार रामचंद्र गुहा भी सड़क पर उतरे, पुलिस ने उन्हें बेंगलुरु में हिरासत में ले लिया. गुहा कहते हैं-दिल्ली के सत्ता में बैठे लोग डरे हुए हैं. गृह मंत्री शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की इजाजत नहीं दे सकते. मैं यहीं विरोध कर रहा हूं मैं कहीं नहीं जाऊंगा.

पप्पू यादव: बिहार के पटना में जन अधिकार पार्टी के प्रमुख और पूर्व सांसद पप्पू यादव इस दौरान बेड़ियां पहनकर सड़क पर उतरे और उन्होंने आजादी मांगी. पप्पू यादव बेड़ियां और हाथ में हथकड़िया पहनकर पटना के डाक बंगला चौराहा पहुंचे और उन्होंने इससे आजादी की मांग की. उन्होंने कहा, "नागरिकता संशोधन अधिनियम संविधान की आत्मा पर हमला है.

ये लोग किसी खास धर्म, रंग या गुट से नहीं बल्कि अलग-अलग  संगठनों और सियासी पार्टियों का प्रतिनिधित्व करते हैं.
नागरिकता कानून के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग
(फोटो: PTI)

फरहान अख्तर: मशहूर फिल्म डायरेक्टर-एक्टर-सिंगर फरहान अख्तर मुंबई के अगस्त क्रांति मैदान में प्रदर्शनकारियों के बीच पहुंचे. वो नागरिकता कानून के खिलाफ काफी मुखर हैं और इसे अलोकतांत्रिक बता रहे हैं.

सुधींद्र कुलकर्णी: कभी बीजेपी के साथ रहे लेखक और विचारक सुधींद्र कुलकर्णी भी मुंबई में प्रदर्शनकारियों के बीच दिखे और प्रदर्शन को अपना समर्थन दिया.

ये लोग किसी खास धर्म, रंग या गुट से नहीं बल्कि अलग-अलग  संगठनों और सियासी पार्टियों का प्रतिनिधित्व करते हैं.

डी.राजा: कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के नेता डी. राजा भी दिल्ली में विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए. उन्होंने कहा कि नागरिकता कानून पर सत्तापक्ष देश को गुमराह कर रहा है.

हर्ष मंदर: सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर को 19 दिसंबर को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया. वो सामाजिक मुद्दों पर सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक काफी मुखर रहते हैं और नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शनों में लगातार हिस्सा ले रहे हैं.

अजय माकन-संदीप दीक्षित: दिल्ली कांग्रेस के बड़े नेताओं जैसे अजय माकन-संदीप दीक्षित को भी पुलिस ने प्रदर्शन के दौरान हिरासत में लिया था.

कन्हैया-उमर खालिद: जेएनएसयू के पूर्व अध्यक्ष और सीपीआई नेता कन्हैया कुमार और उमर खालिद इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन में लगातार शामिल हो रहे हैं. कन्हैया ने पटना में प्रदर्शन में हिस्सा लिया. उमर खालिद ने दिल्ली में हिस्सा लिया, पुलिस ने खालिद को हिरासत में भी लिया था.

ये लोग किसी खास धर्म, रंग या गुट से नहीं बल्कि अलग-अलग  संगठनों और सियासी पार्टियों का प्रतिनिधित्व करते हैं.
प्रदर्शन के दौरान हिरासत में लिए गए उमर खालिद

यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन: जामिया में 15 दिसंबर को हुए प्रदर्शन और हंगामे के बाद बीएचयू, IIM अहमदाबाद, IIT मुंबई, IISc बेंगलुरु समेत देश के कई इंस्टीट्यूट और यूनिवर्सिटीज के छात्र भी जामिया छात्रों के समर्थन में उतरे. साथ ही नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन भी किया.

ये लोग किसी खास धर्म, रंग या गुट से नहीं बल्कि अलग-अलग  संगठनों और सियासी पार्टियों का प्रतिनिधित्व करते हैं.
सिर्फ देसी ही नहीं अमेरिकी की 19 यूनिवर्सिटीज ने भी इस प्रदर्शन के समर्थन में लेटर जारी किया
(फोटो: iStock)
सिर्फ देसी ही नहीं अमेरिकी की 19 यूनिवर्सिटीज ने भी इस प्रदर्शन के समर्थन में लेटर जारी किया. साथ ही लंदन के ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में भी इसके खिलाफ प्रदर्शन हुए.

इसके अलावा देश के कई हिस्सों में भारी तादाद में लोग हिरासत में लिए गए. अलग-अलग धर्मों को, अलग-अलग जातियों के. वो अलग-अलग कपड़ों में थे. दिल्ली के जामिया में एक इंडिया के गंगा जमुनी तहजीब की एक तस्वीर नजर आई.

ये लोग किसी खास धर्म, रंग या गुट से नहीं बल्कि अलग-अलग  संगठनों और सियासी पार्टियों का प्रतिनिधित्व करते हैं.
जामिया में नमाजियों के लिए हिंदू-सिख प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा घेरा बनाया 
(फोटो : द क्विंट )

यहां प्रदर्शन करने आए मुस्लिम समुदाय के लोग जब सड़क पर बैठकर नमाज पढ़ने लगे तो हिंदुओं और सिखों ने एक सुरक्षा घेरा बना दिया.

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