नागरिकता संशोधन विधेयक पर सोमवार को संसद में जोरदार हंगामा हुआ. सरकार और विपक्ष के बीच इस विधेयक पर तीखी बहस हुई. इस बीच हैदराबाद से AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने विधेयक का विरोध करते हुए लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल की कॉपी फाड़ दी.
ओवैसी ने कहा कि ये विधेयक इसलिए लाया गया है ताकि देश का दोबारा से विभाजन हो सके. ओवैसी ने इस विधेयक को हिटलर के कानून से भी बदतर बताया.
‘मजहब की बुनियाद पर बनाया जा रहा है कानून’
ओवैसी ने कहा कि जब संविधान बना था, तब से अब तक वक्त बहुत बदल गया है. ओवैसी ने कहा -
ओवैसी ने कहा कि देश में मजहब की बुनियाद पर कानून बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा मुझे इस बात का गम नहीं है कि सरकार ने मुसलमान को नहीं रखा. मुझे गम इस बात का है कि इस सरकार ने संविधान की शपथ ली, और आज इन्हें मुसलमानों से इस्लाम से इतनी नफरत. क्यों...आखिर ऐसा क्या है? हम इंसान हैं, इस मुल्क के शहरी हैं. आखिर इस नफरत की वजह क्या है?
‘मुसलमानों को क्या संदेश देना चाहती है सरकार’
AIMIM के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि ये कानून इसलिए बनाया जा रहा है, ताकि दोबारा विभाजन हो. ओवैसी ने कहा-
ये कानून तो हिटलर के कानून से भी बदतर है. आपने (सरकार) भारत को कहां लाकर छोड़ दिया. हम मुसलमानों का गुनाह क्या है?... कि हम मुसलमान हैं...पाकिस्तान से मत लीजिए, अफगानिस्तान से मत लीजिए. लेकिन मुसलमानों के नजरिए से आपको सोचना पड़ेगा....आप उन्हें क्या संदेश दे रहे हैं. आप सब मुसलमानों को दबा रहे हैं. आप सीने पर पैर रखकर कह रहे हैं कि अब तुम इस मुल्क के शहरी नहीं हो. अब तुम्हें स्टेटलैस बनाया जाएगा.
ओवैसी ने लोकसभा में फाड़ी बिल की कॉपी
ओवैसी ने कहा कि ये कानून हर तरीके से फेल साबित होगा. इसीलिए वह इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं. ओवैसी ने कहा-
ये बिल हिंदुस्तान के संविधान के खिलाफ है. ये उन लोगों की तौहीन है जिन्होंने इस मुल्क को आजाद कराया था. महात्मा गांधी कैसे महात्मा बने...उन्होंने साउथ अफ्रीका के नेशनल रजिस्टर कार्ड को फाड़ कर फेंक दिया था. इसीलिए जब महात्मा ने फाड़ा तो मैं भी इस बिल को फाड़ता हूं. ये बिल हिंदुस्तान को तोड़ने की कोशिश कर रहा है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)