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असम में CAA विरोध: प्रदर्शनों में अब तक 3 लोगों की मौत की पुष्टि

असम में जारी प्रदर्शनों में पुलिस की गोलीबारी में कई लोगों की जाने की खबरें सामने आई हैं

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असम में ‘नागरिकता संशोधन अधिनियम’ का जोरदार विरोध हो रहा है. न्यूज एजेंसी एएनआई ने गुवाहाटी मेडिकल हॉस्पिटल के हवाले से बताया है कि अभी तक प्रदर्शनों में तीन लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं 27 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं.

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राज्य भर में इंटरनेट सेवाएं ठप कर, ज्यादातर हिस्सों में कर्फ्यू लगाया गया है. इसके चलते लोगों को दैनिक जीवन की चीजें जुटाने में भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

ताजा जानकारी के मुताबिक, रविवार को गुवाहाटी में सुबह सात बजे से लेकर शाम के 6 बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गई है. वहीं डिब्रूगढ़ में सुबह सात बजे से शाम के चार बजे तक कर्फ्यू में ढील है. अभी बाकी हिस्सों में कर्फ्यू में क्या स्थिति है, इस पर तस्वीर साफ होना बाकी है.

असम में जोरदार प्रदर्शन

असम में लोग बड़ी संख्या में नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे हैं. बता दें असम में अवैध प्रवासियों की बड़ी संख्या है. इसके चलते 1979 से 80 के दशक में मध्य तक असम आंदोलन चलाया गया था.

इसके तहत अवैध घुसपैठियों को खदेड़ने की मांग की गई थी, ताकि क्षेत्र की संस्कृति और भाषा को बचाया जा सके. असम के लोगों का कहना था कि प्रदेश में वैसे भी संसाधनों की कमी है और जनसंख्या भी ज्यादा है. इलाका अपनी अधिकतम सीमाओं को पार कर चुका है.

इस पृष्ठभूमि में केंद्र सरकार ने 1985 में असम समझौता किया. जिसके तहत 25 मार्च 1971 के बाद प्रदेश में अवैध घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें निकाला जाएगा. लेकिन इसके प्रवाधानों को कभी ठीक से लागू नहीं किया गया.

मोदी सरकार जो नागरिकता कानून लाई है, उसमें इस सीमा को बढ़ाकर 31 दिसंबर, 2014 कर दिया गया. मतलब इससे पहले जो शरणार्थी यहां आए होंगे, उनमें मुस्लिमों को छोड़कर बाकी को नागरिकता मिल जाएगी. स्थानीय लोग इसी से नाराज हैं और प्रदेश में चारों तरफ प्रदर्शन हो रहे हैं. उनका कहना है कि घुसपैठियों के धर्म से फर्क नहीं पड़ता.

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