कोरोना वायरस महामारी का इकनॉमी पर बड़ा असर पड़ा है. महामारी, लॉकडाउन और इंटरनेशनल ट्रेड रुक जाने से लंबे समय तक पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था रुक गई. लेकिन जैसे-जैसे अब लॉकडाउन में छूट दी जा रही है, इकनॉमी धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही है. कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन में कंपनियों ने जहां नई भर्तियां रोक दी थीं, वो अब शुरू हो रही हैं. हाल ही में आई एक रिपोर्ट में कंपनियों का हायरिंग इंटेट पॉजिटिव बताया गया है.
हायरिंग इंटेंट ये बताता है कि कितने पर्सेंटेज इंप्लॉयर्स मौजूदा समय सीमा में नई भर्तियां जारी रख रहे हैं.
भारत में करीब तीन महीने के लॉकडाउन के बाद देशभर में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और इसका असर कंपनियों के बिजनेस पर भी देखने को मिल रहा है.
टीमलीज इंप्लॉयमेंट आउटलुक H1 (अप्रैल-सितंबर 2020) रिपोर्ट में सामने आया है कि कंपनियां अब नई भर्तियों को लेकर सकारात्मक हैं. पिछले छह महीने हायरिंग सेंटिमेंट 86 फीसदी तक कम हो गया था, जिसमें अनलॉक 1.0 के दौरान रिकवरी देखी गई है. अप्रैल-सितंबर महीने के दौरान, ये 18% तक बढ़ा है.
“हालांकि, भारत में महामारी का असर शुरू हुए चार महीने से ज्यादा हो गया है, भारत इंक (सरकारी और प्राइवेट सेक्टर) अभी भी इस कोविड दुनिया में नए नॉर्मल के साथ सामांजस्य बिठाने में संघर्ष कर रहा है.”रितुपर्णा चक्रवर्ती, को-फाउंडर और एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसीडेंट, टीमलीज सर्विसेस
रिपोर्ट में 14 लोकेशन पर ट्रैवल से लेकर हॉस्पिटैलिटी समेत 21 सेक्टर्स को एनालइज किया गया. रिपोर्ट में सामने आया है कि सभी सेक्टर्स नई भर्तियों को लेकर पॉजिटिव हैं.
किन सेक्टर्स में हो रहीं सबसे ज्यादा भर्तियां?
- हेल्थकेयर और फार्मासुटिकल्स - 21%
- केपीओ - 20%
- ई-कॉमर्स और टेक स्टार्टअप - 19%
- एजुकेशनल सर्विसेज - 17%
- टेलीकम्युनिकेशन्स - 15%
- आईटी - 15%
- एग्रीकल्चर और एग्रोकेमिकल्स - 13%
- FMCG - 12%
- पावर और एनर्जी - 10%
किन प्रोफाइल की सबसे ज्यादा भर्तियां?
सबसे ज्यादा शारीरिक श्रम करने वालों को भर्ती किया जा रहा है. अनलॉक में निर्माण कार्य और फैक्ट्रियों को खोलने की अनुमति दी गई थी. बिजनेस खुलने के बाद ब्लू कॉलर प्रोफाइल में करीब 10 फीसदी की बढ़त देखी गई. वहीं, सीनियर लेवल पर भी कंपनियां भर्तियां करना चाह रही हैं.
रिपोर्ट में सामने आया है कि मेट्रो शहरों में बड़ी कंपनियों का नई भर्तियों की तरफ रवैया पॉजिटिव है.
शहरों की बात की जाए तो बेंगलुरू सबसे ज्यादा पॉजिटिव है. इसके बाद दिल्ली, हैदराबाद, चंडीगढ़, मुंबई, कोलकाता और पुणे जैसे मेट्रो शहर हैं. वहीं, चेन्नई, नागपुर, कोयंबटूर, कोच्चि और इंदौर जैसे शहरों में हायरिंग इंटेंट कम है.
लेकिन नहीं मिल रहे कर्मचारी?
ह्यूंडई ने चेन्नई के पास अपने Irungattukottai प्लांट के लिए 1800 अप्रेंटिंस की भर्तियां शुरू की हैं. हालांकि, फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रवक्ता ने कहा है कि कंपनी करीब 3000 अप्रेंटिस की भर्तियां करती है, लेकिन लॉकडाउन के कारण बड़ी संख्या में लोग वापस घर लौट गए हैं.
पंजाब, कर्नाटक, गुजरात, दिल्ली जैसे शहरों से बड़े संख्या में मजदूर वापस घर लौट गए हैं. कर्नाटक सरकार ने मई में मजदूरों के वापस जाने पर रोक भी लगाई थी, लेकिन कड़ी आलोचना के बाद इस फैसले को वापस ले लिया गया था.
कई बड़ी कंपनियों में छंटनी
CMIE के आंकड़ों के मुताबिक, 12.2 करोड़ भारतीयों ने कोरोना वायरस के कारण पैदा हुए संकट की वजह से नौकरियां गंवाई. इस संकट का बड़ा असर स्टार्टअप कंपनियों पर भी पड़ा है. फिक्की और इंडियन एंजल नेटवर्क (आईएएन) के साझा सर्वे के मुताबिक, महामारी ने करीब 70 फीसदी स्टार्टअप के कारोबार को प्रभावित किया है.
हाल ही में इंडिगो एयरलाइंस ने 10 फीसदी स्टाफ की छंटनी कर दी है. वहीं, एयर इंडिया ने कर्मचारियों को 6 से 2 साल तक के लिए बिना वेतन छुट्टी (LWP) पर भेजे जाने की स्कीम को मंजूरी दे दी है. छुट्टी की इस अवधि को पांच साल तक के लिए बढ़ाया भी जा सकता है.
ओला और स्विगी जैसी कंपनियों में भी बड़े लेवल पर छंटनी हुई है. वहीं, बड़ी कंपनी लिंक्डन ने भी दुनियाभर में अपने करीब 1000 कर्मचारियों को निकाल दिया है.
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