28 दिसंबर 1885 में बनी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी का आज 134वां स्थापना दिवस है. ये स्थापना दिवस कई लिहाज से खास है. क्योंकि पार्टी के 60वें अध्यक्ष राहुल गांधी का एक साल का कार्यकाल भी पूरा हो चुका है और हाल ही में कांग्रेस को 3 हिंदी भाषी राज्य में बीजेपी पर जीत हासिल हुई है. इस मौके पर राहुल गांधी ने कहा-
वो लाखों कांग्रेस कार्यकर्ता जिन्होंने वर्षों से पार्टी को बनाने और मजबूत रखने में योगदान किया. हम उन गुमनाम कार्यकर्ताओं को सलाम करते हैं.राहुल गांधी, अध्यक्ष कांग्रेस
इससे पहले राहुल गांधी और पूर्व प्रधानंमंत्री मनमोहन सिंह ने केक काटकर पार्टी का 134वां स्थापना दिवस मनाया.
ऐसे में कांग्रेस की स्थापना से लेकर अबतक की कुछ खास बातों पर डालते हैं नजर.
कांग्रेस का इतिहास रहा है खास
कांग्रेस की स्थापना एक अंग्रेज ऑफिसर रहे ए ओ ह्यूम (एलन ऑक्टेवियन ह्यूम) ने की थी. 28 दिसंबर 1885 को 72 सामाजिक कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और वकीलों के दल ने कांग्रेस के पहले सेशन में हिस्सा लिया.
बॉम्बे के गोकुलदास तेजपाल संस्कृत कॉलेज में हुए इस पहले सेशन के अध्यक्ष थे बैरिस्टर व्योमेश चंद्र बनर्जी. वहीं पार्टी का दूसरा सेशन ठीक एक साल बाद 27 दिसंबर 1886 में कोलकाता में हुआ था. सेशन की अध्यक्षता दादाभाई नैरोजी ने की थी.
इतिहासकारों के मुताबिक, कांग्रेस के शुरुआती सालों में इसका मकसद ब्रिटिश सरकार के साथ मिलकर देश की दिक्कतों को दूर करना था. लेकिन 1905 में बंगाल के विभाजन के बाद कांग्रेस ने खुले तौर पर अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिए.
कांग्रेस की अहमियत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि आजादी के आंदोलन के ज्यादातर बड़े नेताओं का इस पार्टी से सरोकार रहा है. मदन मोहन मालवीय, महात्मा गांधी, सुभाषचंद्र बोस, जवाहरलाल नेहरू जैसे नेताओं ने आजादी से पहले इस पार्टी की अध्यक्षता की.
आजादी के बाद भी प्रासंगिक रही है कांग्रेस
आजादी के बाद कांग्रेस के पहले अध्यक्ष आचार्य कृपलानी रहे. वहीं पार्टी ने जवाहरलाल नेहरू के चेहरे पर चुनाव लड़ा और पहले आम चुनावों में जबरदस्त सफलता पाई. देश के पहले पीएम के तौर पर नेहरू ने लोकतांत्रिक मूल्यों को अपना आधार बनाया, साथ ही देश की विदेश नीति भी कांग्रेस सरकार की खासियत बनी. कांग्रेस ने इसके बाद के सालों में कई अहम फैसले लिए जिसका आज के भारत की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में अहम योगदान है.
आजादी के बाद 19वें अध्यक्ष हैं राहुल गांधी
साल 2017 में राहुल गांधी के तौर पर कांग्रेस को आजादी के बाद का 19वां अध्यक्ष मिला. राहुल नेहरू-गांधी परिवार की 5वीं पीढ़ी के 5वें ऐसे शख्स हैं जिन्होंने ये कुर्सी संभाली है. इससे पहले उनके नाना जवाहरलाल नेहरू ने प्रधानमंत्री रहते समय 5 साल, इंदिरा गांधी- राजीव गांधी ने करीब 5-5 साल, सोनिया गांधी ने 19 साल तक इस पद को संभाला है.
आजादी के बाद से अबतक के कांग्रेस अध्यक्ष
- आचार्य कृपलानी (1947-1948)
- पट्टाभि सीतारमैया (1948-1950)
- पुरषोत्तम दास टंडन (1950-1951)ॉ
- जवाहरलाल नेहरु (1951-1955)
- यू. एन. धेबर (1955-1959)
- इंदिरा गांधी (1959-1960 और 1978-84)
- नीलम संजीव रेड्डी (1960-1964)
- के. कामराज (1964-1968)
- एस. निजलिंगप्पा (1968-1969)
- पी. मेहुल (1969-1970)
- जगजीवन राम (1970-1972)
- शंकर दयाल शर्मा (1972-1974)
- देवकांत बरआ (1975-1977)
- राजीव गांधी (1985-1991)
- कमलापति त्रिपाठी (1991-1992)
- पी. वी. नरसिंह राव (1992-1996)
- सीताराम केसरी (1996-1998)
- सोनिया गांधी (1998-2017)
- राहुल गांधी- 20176
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)