देश के कई शहरों में लागू हो चुके संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन जारी है. प्रदर्शनकारी इस कानून के साथ ही संभावित NRC और NPR का भी विरोध कर रहे हैं. दिल्ली के शाहीन बाग और खुरेजी से लेकर लखनऊ के घंटाघर तक औरतें इन प्रदर्शनों में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं. अब कांग्रेस नेता शशि थरूर ने केंद्र सरकार को इन प्रदर्शनों को शांत करने का तरीका सुझाया है.
केरल में एक कार्यक्रम में थरूर ने कहा कि अगर पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह NRC लागू न करने की बात कह दें तो प्रदर्शनकारी शांत हो जाएंगे.
अगर नरेंद्र मोदी और अमित शाह कह दें कि हम NRC का खयाल छोड़ रहे हैं. और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) के लिए हर घर जाकर मां-बाप का जन्मस्थान और दस्तावेजी सबूत न मांगे, तो प्रदर्शन शांत हो सकते हैं.शशि थरूर
शशि थरूर ने कहा कि पीएम मोदी और शाह ऐसा वादा करने को लेकिन तैयार नहीं हैं. थरूर बोले, "मोदी और शाह इस तरह के वादे करने को तैयार नहीं हैं और ये उनकी नीयत के बारे में बहुत कुछ कहता है. उनकी नीयत भारत के लोगों की पहचान करने की है."
कांग्रेस नेताओं ने कहा- राज्यों को नागरिकता कानून लागू करना पड़ेगा
नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शनों को विपक्षी पार्टियों का साथ मिल रहा है. केरल और पंजाब विधानसभा ने इस कानून के खिलाफ प्रस्ताव तक पास कर दिए हैं. हालांकि, कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा है कि कोई भी राज्य इस कानून को लागू करने से इनकार नहीं कर सकता.
अगर संशोधित नागरिकता कानून पास हो चुका है तो कोई भी राज्य ये नहीं कह सकता- ‘मैं इसे लागू नहीं करूंगा’. ये संभव नहीं है और असंवैधानिक है. आप इसका विरोध कर सकते हो, आप विधानसभा में प्रस्ताव पास कर सकते हो और केंद्र सरकार से इसे वापस लेने के लिए कह सकते हैं.कपिल सिब्बल
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने भी सिब्बल की बात दोहराई है. खुर्शीद ने कहा कि अगर कोई कानून संसद से पास हो गया है तो उसे राज्यों को मानना ही पड़ेगा.
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