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कांग्रेस सेवादल शिविर में सावरकर-गोडसे के संबंधों पर विवादित किताब

‘सावरकर और नाथूराम गोडसे के बीच शारिरिक संबंध थे’

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भोपाल में आयोजित अखिल भारतीय कांग्रेस सेवादल के राष्ट्रीय विषारद प्रशिक्षण शिविर में बांटे गए एक साहित्य पर विवाद खड़ा हो गया है. इस शिविर में सावरकर और नाथूराम गोडसे से जुड़ा एक साहित्य बांटा गया जिसमें इन दोनों के बीच संबंधों पर टिप्पणी की गई है. इसके अलावा भी दोनों के बारे में कई बातें कहीं गईं है जिन पर विवाद खड़ा हुआ है.

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कांग्रेस सेवादल के राष्ट्रीय विषारद प्रशिक्षण शिविर में कथित तौर पर बांटे गए एक साहित्य में लिखा था कि ‘सावरकर और नाथूराम गोडसे के बीच समलैंगिक संबंध थे’. साथ ही किताब में ये भी बताया गया है कि जेल से बाहर आने के लिए सावरकर ने अंग्रेजों से माफी मांगी और वो राजी हुए कि वो किसी भी राजनीतिक गतिविधि में शामिल नहीं होंगे.

कांग्रेस सेवादल के शिविर के दौरान जो किताब बांटी गई उसमें ‘सावरकर और गोडसे के बीच शारिरिक संबंध’ पर लिखी गई बातों पर विवाद खड़ा हुआ. इस विवाद पर कांग्रेस सेवा दल के लालजी देसाई का कहना है कि

‘सावरकर और नाथूराम गोडसे के बीच शारिरिक संबंध थे’
भोपाल में आयोजित अखिल भारतीय कांग्रेस सेवादल के राष्ट्रीय विषारद प्रशिक्षण शिविर
(फोटो: Twitter/Madhya Pradesh Congress Sevadal)
लेखक ने जो भी लिखा है सबूतों के आधार पर लिखा है. लेकिन ये हमारे लिए अहम नहीं है. आज हमारे देश में हर किसी के पास अपनी प्राथमिकताओं को तय करने का कानूनी अधिकार है.
लालजी देसाई, कांग्रेस सेवादल

सावरकर और नाथूराम गोडसे को लेकर कई बार विवाद खड़ा होता रहा है. सावरकर और उनके साथ जुड़ा इतिहास कई बार उनको कटघरे में खड़ा करता है.

‘मेरा नाम 'राहुल सावरकर' नहीं है‘

राहुल गांधी ने अपनी चुनावी रैली के दौरान कह दिया-

मेरा नाम ‘राहुल सावरकर’ नहीं है, मेरा नाम ‘राहुल गांधी’ है. मर जाऊंगा, मगर माफी नहीं मांगूंगा. सच बोलने के लिए मैं माफी नहीं मांगूंगा. कांग्रेस का कोई व्यक्ति माफी नहीं मांगेगा.
राहुल गांधी

राहुल गांधी ने झारखंड में एक चुनावी रैली के दौरान 'रेप इन इंडिया' टिप्पणी की थी, जिस पर बीजेपी सदस्यों ने शुक्रवार को संसद में उनसे माफी की मांग की थी. राहुल की इस टिप्पणी को लेकर संसद में काफी हंगाम हुआ था.

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