कांग्रेस ने फेसबुक के सीईओ और फाउंडर मार्क जकरबर्ग को 15 दिनों में दूसरी बार लेटर लिखा है. कांग्रेस ने जकरबर्ग से पूछा है कि फेसबुक ने उस पर लगे बीजेपी सदस्यों के 'हेट स्पीच' पोस्ट न हटाने के आरोपों की जांच को लेकर क्या कदम उठाए हैं. कुछ दिनों पहले द वॉल स्ट्रीट जर्नल (WSJ) की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि फेसबुक ने बीजेपी के कई नेताओं की 'हेट स्पीच' पोस्ट नहीं हटाई थीं.
कांग्रेस ने दूसरा लेटर 'टाइम' में छपे उस आर्टिकल के बाद भेजा है, जिसमें कहा गया था कि फेसबुक इंडिया के पिछले पब्लिक पॉलिसी डायरेक्टर ने 2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी के लिए काम किया था.
“हम निवेदन करते हैं कि आप हमें बताएं आपकी कंपनी इन मामलों की जांच करने के लिए क्या कदम उठाने की योजना बना रही है... हम विधायी और न्यायिक कार्रवाई भी करेंगे जिससे सुनिश्चित हो सके कि कोई भी विदेशी कंपनी हमारे देश में निजी फायदों के लिए सामाजिक समरसता को बिगाड़ न पाए.”कांग्रेस ने अपने लेटर में लिखा
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने फेसबुक इंडिया और बीजेपी के बीच 'एक-दूसरे को फायदा पहुंचाने वाले रिश्ते' का आरोप लगाया. लेटर में दावा किया गया कि 'भारत में कंपनी की लीडरशिप में एक से ज्यादा व्यक्ति सत्ताधारी बीजेपी के पक्ष में है.'
राहुल गांधी ने किया 'WhatsApp-बीजेपी नेक्सस' पर ट्वीट
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 29 अगस्त को 'टाइम' के आर्टिकल को शेयर करते हुए दावा किया कि 'इससे WhatsApp-बीजेपी के नेक्सस 'का खुलासा हुआ है.
राहुल ने लिखा, "अमेरिका की टाइम मैगजीन ने WhatsApp-बीजेपी के नेक्सस का खुलासा किया है. 40 करोड़ भारतीय जिस WhatsApp का इस्तेमाल करते हैं, वो पेमेंट के लिए भी खुद का इस्तेमाल कराना चाहता है और इसके लिए मोदी सरकार की मंजूरी की जरूरत है. इसीलिए बीजेपी का WhatsApp पर नियंत्रण है."
टाइम के आर्टिकल में क्या है?
टाइम की रिपोर्ट के मुताबिक, जुलाई 2019 में फेसबुक के भारत और साउथ एशिया में पब्लिक पॉलिसी डायरेक्टर शिवनाथ ठकराल थे. उनका एक काम 'भारतीय सरकार के लिए लॉबीइंग करना भी था.' टाइम को फेसबुक के पूर्व कर्मचरियों ने बताया कि शिवनाथ ठकराल उन बातचीतों में भी शामिल होते थे, जिनमें ये तय किया जाता था कि नेताओं के 'हेट स्पीच' टैग किए गए पोस्ट पर क्या एक्शन लेना है. रिपोर्ट के मुताबिक, ठकराल ने 2014 लोकसभा चुनावों के समय बीजेपी के प्रचार में मदद की थी.
इसके अलावा इस रिपोर्ट में बताया गया कि WhatsApp अपनी डिजिटल पेमेंट सर्विस ‘WhatsApp पे’ भारत में लॉन्च करना चाह रहा है, जिसके लिए बीजेपी की केंद्र सरकार की मंजूरी चाहिए होगी. साथ ही टाइम ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि फेसबुक और WhatsApp का इस्तेमाल ‘अल्पसंख्यक समुदायों पर हमले भड़काने के लिए हेट स्पीच और गलत जानकारी’ फैलाने में हुआ है.
इस रिपोर्ट में दिल्ली दंगों से पहले बीजेपी नेता कपिल मिश्रा की स्पीच की उस वीडियो का जिक्र है, जिसमें वो पुलिस को एंटी-CAA प्रदर्शनकारियों को हटाने का अल्टीमेटम देते हैं. मिश्रा की इस स्पीच के बाद दिल्ली में दंगे भड़क गए थे. रिपोर्ट में कहा गया कि फेसबुक ने ये वीडियो हटा ली थी, लेकिन इसका एक दूसरा वर्जन करीब छह महीनों तक ऑनलाइन रहा.
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