जमात-ए-इस्लामी हिंद (Jamaat-e-Islami Hind) यानी जेआईएच ने जबरन धर्मांतरण के आरोप में मौलाना उमर गौतम और मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी की गिरफ्तारी की निंदा की है.
जेआईएच के उपाध्यक्ष मोहम्मद सलीम इंजीनियर ने कहा, "जिस तरह से उन्हें गिरफ्तार किया गया और उन्हें गंभीर आरोपों में फंसाया जा रहा है और जिस तरह से मीडिया का एक वर्ग ओवररिएक्ट कर रहा है, यह स्पष्ट रूप से दिखाता है कि आरोप लगाकर जनता की भावनाओं का शोषण करने का प्रयास किया जा रहा है.''
उन्होंने कहा, ''राजनीतिक फायदे के लिए डराने-धमकाने और नफरत का माहौल पैदा करने की कोशिश की जा रही है. आठ महीने बाद यूपी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भावनात्मक माहौल बनाने के लिए वास्तविक सार्वजनिक मुद्दों से ध्यान हटाने की इस तरह की कोशिशें बहुत खेदजनक हैं."
बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘मूक-बधिर और शारीरिक रूप से अक्षम बच्चों और युवाओं के धर्मांतरण’ में शामिल लोगों के खिलाफ गैंगस्टर अधिनियम और राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई के आदेश दिए हैं.
पुलिस के मुताबिक, 1000 से ज्यादा लोगों को जबरन इस्लाम में धर्मांतरित करने के आरोप में सोमवार को दिल्ली से दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था.
मुख्यमंत्री ने एजेंसियों से मामले की आगे जांच करने और इसमें शामिल सभी लोगों की गिरफ्तारी के लिए गहराई से तलाश करने को कहा है. राज्य सरकार ने आरोपियों की संपत्ति जब्त करने का भी आदेश दिया है.
कहा जा रहा है कि दिल्ली के जामिया नगर में दो लोग कथित तौर पर उत्तर प्रदेश में मूक-बधिर छात्रों और गरीब लोगों को इस्लाम में धर्मांतरित कराने के लिए एक संगठन चला रहे थे.
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