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कोविड से 2 लाख मौत: नर्स, खिलाड़ी, शेफ, कवि, संगीतकार- 20 कहानियां

मरने वाले महज डेटा नहीं, जीते-जागते इंसान थे, संघर्ष था, कामयाबियां थीं, कहानियां थीं

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हम रोज सुन रहे हैं, कोरोना से चंद हजार और मौत हो गई. ऐसा सुनते-सुनते ये डेटा 2 लाख के पार चला गया. नंबर सुनकर हमें चेहरे नजर नहीं आते. लेकिन जब चेहरे देखते हैं तो समझ में आता है कि एक व्यक्ति के तौर पर, समाज के तौर पर और देश के तौर पर हमसे रोज कुछ छिन रहा है. कोई डॉक्टर, कोई ब्रिगेडियर, कोई राइटर, कोई संगीतकार, कोई शेफ और कोई अपने वजूद में सुपरस्टार. इन्होंने जिंदगी का संघर्ष देखा, कामयाबी देखी और कुछ ने आखिर में भी जीवन का संघर्ष देखा....हमने जो खोया है उनमें से हर जिंदगी बेशकीमती थी, लेकिन एक स्टोरी में सबको समेटना मुमकिन नहीं सो यहां सिर्फ 20 कहानियां...

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डॉक्टर प्रतिक्षा वालडेकर

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डॉ.प्रतिक्षा अमरावती के इर्विन हॉस्पिटल के पैथोलॉजी डिपार्टमेंट में काम करती थीं, जब वह कोरोना संक्रमित हुई. डॉ. प्रतिक्षा 7 महीने की गर्भवती थी, जब उन्होंने 20 सितंबर 2020 को कोरोना से अपनी जान गंवा दी .यह उनकी 'प्रेशियस प्रेगनेंसी' थी यानी लंबे इंतजार और मेडिकल इलाज के बाद प्रतीक्षा गर्भवती हुई थी. लेकिन अपनी ड्यूटी को निभाते हुए वह पहले संक्रमित हुईं और मरने से 5 दिन पहले अजन्मे बच्चे को भी खो दिया. प्रतीक्षा ने अपना MBBS GHCH नागपुर से और पोस्ट ग्रेजुएशन एमडी इन पैथोलॉजी, जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज ,सावंगी से पूरी की थी.

जॉन मेरी प्रेसिल्ला

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जॉन मेरी 27 मार्च 2020 को रिटायर होने वाली थी, लेकिन चेन्नई के राजीव गांधी हॉस्पिटल की नर्सिंग सुपरीटेंडेंट जॉन मेरी ने कोरोना के बढ़ते माुमले को देखते हुए अपनी रिटायरमेंट आगे टाल दी. लोगों की सेवा करने में वह संक्रमित हुईं और रिटायरमेंट के तय तारीख से 2 महीने बाद 27 मई को उन्होंने कोरोना से दम तोड़ दिया.

सुभाष महादिक

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सुभाष महादिक की कोरोना से मौत 2 जून 2020 को हुई, जब वह SWM चौकी, गोरेगांव वेस्ट में कूड़ा इकट्ठा करने वाली गाड़ियों का निरीक्षण करते थे .अकेले BMC में अब तक 197कर्मचारी कोरोना से जान गवां चुके हैं.

सुभाष जी के बेटे निखिल के मुताबिक वह कम से कम 67 अस्पतालों में दौड़ते रहे पर उनको किसी ने भर्ती नहीं किया .आईडी कार्ड दिखाते हुए यह बताने पर भी कि वह काम करते हुए संक्रमित हुए थे.

विनय श्रीवास्तव

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65 साल के विनय श्रीवास्तव 35 साल से पत्रकारिता जगत में जाने-माने नाम थे, लेकिन जब कोरोना संक्रमित होकर उनका ऑक्सीजन लेवल गिरने लगा तो योगी सरकार से ट्विटर पर लाख गुहार के बाद भी उन्हें भर्ती होने को अस्पताल में बेड नहीं मिला. उनको अस्पताल में बेड इसलिए नहीं मिल सका, क्योंकि उनके पास CMO का लेटर नहीं था. जब तक प्रशासन का ट्वीट के माध्यम से जवाब आता उनका ऑक्सीजन लेवल 31 तक गिर गया था, और फिर हमने प्रशासनिक विफलता के बीच उनको खो दिया.

फ्लोयड कार्डोज

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अमेरिकी जायकों को भारतीय तड़का देने वाले को शेफ फ्लोयड की 59 साल की उम्र में कोरोना से मौत हो गई.उन्होंने अमेरिका में अपने रेस्टोरेंट्स 'तबला' में अमेरिकी डिशों और भारतीय मसालों के बीच कमाल का संतुलन पेश किया. रुथ रिचेल,दी न्यूयॉर्क टाइम्स ने उनके खानों को कहा था कि " मुझे लगता है कि मैं इसके ही इंतजार में थी .यह अमेरिकी खाना है पर भारतीय मसालों के नजरिए से परोसा हुआ".

ब्लेसी थॉमस

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37 साल की ब्लेसी थॉमस ने 15 सितंबर 2020 को ओमान के रॉयल हॉस्पिटल के आईसीयू में अपनी जान गवा दी. थॉमस केरला के पथानामथिट्टा जिले से थी. ब्लेसी भारतीय नर्स थी, जिन्होंने कोरोना से लोगों की मदद करते हुए अपनी जान गवाई. ओमान स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक " ब्लेसी जानती थीं कि वह कोरोना मरीजों की देखभाल करने वाली हैं, लेकिन वह कभी भी अपने कर्तव्य को पूरा करने से नहीं हिचकी".

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भाई निर्मल सिंह खालसा

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पद्म श्री भाई निर्मल सिंह खालसा, जो कि स्वर्ण मंदिर में हजूरी रागी थे, ने 67 साल की उम्र में कोरोना से अपनी जान गवां दी. गुरु ग्रंथ साहिब के गुरुबाणी में 31 रागों की जानकारी वाले भाई निर्मल सिंह को 2005 में राष्ट्रपति प्रतिभा सिंह पाटिल द्वारा पद्मश्री मिला था.

लेफ्टिनेंट जनरल राजमोहन वोहरा

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1971 युद्ध के नायक और महावीर चक्रधारी लेफ्टिनेंट जनरल राजमोहन वोहरा का निधन 88 साल की उम्र में कोरोना से हो गया. नेशनल डिफेंस एकेडमी के पहले बैच के पास आउट राजमोहन वोहरा अपने दोस्तों में 'गुग्गी वोहरा' के नाम से जाने जाते थे.

चेतन चौहान

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पूर्व भारतीय क्रिकेटर चेतन चौहान को भी हमने 73 साल की उम्र में कोरोना के कारण खो दिया .भारत के लिए 40 टेस्ट ,7 ODI खेलने वाले चेतन चौहान अभी उत्तर प्रदेश राज्य सरकार में मंत्री थे. खेल जीवन के बाद चेतन चौहान कोच बन गये थे और 2001 के ऑस्ट्रेलिया पर कोलकाता के मशहूर भारतीय विजय के वक्त वह भारतीय टीम के मैनेजर भी थे.

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प्रणव मुखर्जी

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31 अगस्त 2020 को भारत के पूर्व राष्ट्रपति और कांग्रेस के इनसाइक्लोपीडिया कहे जाने वाले प्रणव मुखर्जी का देहांत कोरोनावायरस संक्रमण से हो गया. 2012- 17 के बीच राष्ट्रपति पद को सुशोभित करने के साथ ही अपने 51 साल के राजनीतिक करियर में उन्होंने कई महत्वपूर्ण पोर्टफोलियो संभाला, जिसमें वित्त, विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय भी शामिल था.

साकेत सुमन

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जनता टीवी के पत्रकार साकेत सुमन का निधन 26 अप्रैल 2021 को कोरोनावायरस संक्रमण से हो गया .साकेत सुमन जनता टीवी के स्टार एंकर करके होने के साथ-साथ आउटपुट हेड भी थे. 22 अप्रैल को ही उनकी बहन का भी निधन कोरोना से हो गया था.उसके पहले उनके दादा-दादी की भी मृत्यु कोरोना संक्रमण के कारण ही हुई. साकेत अपने पीछे अकेली मां को छोड़ गये है.

एस पी दत्त

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पूर्व एयर इंडिया अधिकारी और वरिष्ठ पत्रकार बरखा दत्त के पिता एस पी दत्त का निधन मंगलवार ,27 अप्रैल 2021 को कोरोना संक्रमण कारण हो गया .बढ़ते कोरोना मामलों के बीच स्वास्थ्य सुविधाओं की किल्लत ने उन्हें भी कोरोना से जंग में अकेला छोड़ दिया. बरखा दत्त के मुताबिक" मेरे पिता के मुझसे कहे गए आखिरी शब्द थे -मेरा दम घुट रहा है, मेरा इलाज करो". एस .पी दत्त अमेरिकन इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोनॉटिक्स एंड एस्ट्रोनॉटिक्स के सदस्य भी थे.

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श्रवन राठौर

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प्रसिद्ध म्यूजिक कंपोजर श्रावण राठौर का निधन कोरोना संक्रमण के कारण 22 अप्रैल 2021 को मुंबई के एस एल रहेजा हॉस्पिटल में हो गया .66 साल के श्रवण नदीम-श्रवण की जुगलबंदी के आधे अंग थे ,जिन्होंने 1990 के दशक में अपने संगीत से बड़ा मुकाम बनाया था. कुंभ से लौटने के बाद श्रवण कोरोना संक्रमित पाए थे.संगीत परिवार में जन्मे श्रवण राठौर के पिता पंडित चतुर्भुज राठौर भी प्रसिद्ध संगीतकार थे,

किरण माहेश्वरी

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तीन बार विधायक रह चुकी और पूर्व सांसद और राज्य मंत्री किरण माहेश्वरी का निधन 59 साल की उम्र में कोरोना संक्रमण से हो गया. बीजेपी नेता किरण माहेश्वरी 2004 में कांग्रेस के गिरिजा व्यास को हराकर उदयपुर राजसमंद से सांसद चुनी गई थी.

सुरेश अंगाडी

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राज्य रेलवे मंत्री सुरेश अंगाडी का निधन 65 साल की उम्र में 23 सितंबर 2020 को कोरोना के कारण हो गया. कर्नाटक के बेलगाम से चुनकर सांसद बने सुरेश अंगारी जी कोरोना से मरने वाले पहले केंद्रीय मंत्री थे.

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मंगलेश डबराल

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प्रसिद्ध हिंदी कवि और साहित्यिक पत्रकार मंगलेश डबराल को भी हमने 72 साल की उम्र में कोरोना से खो दिया." हम जो देखते हैं " के लिए साल 2000 में साहित्य अकादमी पुरस्कार पाने वाले मंगलेश डबराल का कद साहित्य जगत में बहुत ऊंचा था. उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल से आने वाले मंगलेश डबराल जी जब लिखते हैं "मैंने शहर को देखा और मुस्कुराया ,वहां कोई कैसे रह सकता है, यह जानने में गया और वापस ना आया" तो लगता है मानो हर एक प्रवासी अपनी बात कह रहा हो.

अनिल परचूरन

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अनाधान' जैसी कविता को लिखने वाले कवि अनिल परचूरन का निधन 55 साल की उम्र में 3 जनवरी को कोरोना के कारण हो गया. मलयालम कवि अनिल कई फिल्मों जैसे Arabi kadha,Kadha parayumbol, Madambi के लिए गाने भी लिखे थे.केरला के लोगों के बीच उनकी रचना खूब प्रसिद्ध है

राजन मिश्रा

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पद्म भूषण और ख्याली गायकी के शीर्ष पर विराजमान शास्त्रीय गायक राजन मिश्रा का निधन समय पर वेंटिलेटर ना मिलने के कारण हो गया .कोरोना संक्रमण के बाद उनके परिवार ने पूरी कोशिश की कि उन्हें वेंटिलेटर मिल जाए, लेकिन पद्मभूषण राजन मिश्रा का निधन 70 साल की उम्र में हार्ट अटैक से हो गया. राजन-साजन की ख्याल गायकी की प्रसिद्ध जोड़ी अब आधी-अधूरी रह गई है

अर्जुन प्रजापति

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राजस्थान के सुप्रसिद्ध मूर्तिकार पद्मश्री अर्जुन प्रजापति का निधन 12 नवंबर 2020 को कोरोना से 64 वर्ष की उम्र में हो गया.राजस्थान पारंपरिक मूर्तिकला 'बणी-ठणी' को अर्जुन जी ने अपनी कला से नयी उचाईयों पर पहुंचाया था.उसके बाद यह कला 'अर्जुन की बणी-ठणी' के नाम से जानी जाने लगी

सौमित्र चटर्जी

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महान बांग्ला अदाकार सौमित्र चटर्जी का निधन 15 नवंबर 2020 को कोरोना के कारण 85 वर्ष की उम्र में हो गया.पढे लिखे और राजनैतिक रुप से सचेत चटर्जी ने सत्यजीत रे के साथ 14 फिल्मों में काम किया जिसमें अपुर संसार,चारुलता घरे बाइरे और अशनी संकेत जैसी महान फिल्में शामिल थी

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