महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 5 हजार पार कर चुका है. यानी कि देश में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमण वाला राज्य महाराष्ट्र है. अब राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने अपने फेसबुक लाइव में कहा है कि, 30 अप्रैल से 15 मई के बीच महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो सकती है. अब जैसा स्वास्थ्य मंत्री कह रहे हैं कि मामले तेजी से बढ़ सकते हैं तो उसके लिए क्या महाराष्ट्र तैयार है?
महाराष्ट्र की तैयारी से पहले हम मुंबई की तैयारी के बारे में बात करते हैं. क्योंकि, मुंबई शहर में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 3 हजार के पार है. बीएमसी के मुताबिक, मुंबई में COVID -19 से निपटने के लिए जो प्राइवेट और सरकारी खास अस्पताल तैयार किए गए हैं. उनमें आइसोलेशन बेड की संख्या 2038 है, जबकि आईसीयू बेड 149 और वेंटिलेटर 102 है.
BMC का कहना है DCH के अलावा कुल आइसोलेशन की सुविधा मुंबई में 11 हजार के करीब है. मुंबई में Asymptomatic मरीजों की संख्या ज्यादा है. ऐसे में जिन रोगियों में कोई लक्षण नहीं है उनके लिए होटल के रूम या दूसरे स्थानों पर व्यवस्था की गई है.
मुंबई की आबादी करीब 1.84 करोड़ है. वहीं, जिस तेजी से कोरोना का प्रकोप मुंबई के स्लम इलाकों में फैल रहा है, ये चिंता बढ़ाने वाली बात है. ऐसे में फिलहाल की व्यवस्था पर्याप्त नहीं है.
क्या मुंबई कोरोना से निपटने के लिए तैयारी है?
केंद्र सरकार की एक टीम मुंबई के दौरे पर है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, BMC ने अपने प्रजेंटेशन में बताया है कि 30 अप्रैल तक बिना ऑक्सीजन वाले आइसोलेशन बेड की संख्या को बढ़ाकर 30,481 किया जाएगा. वहीं, वेंटिलेटर को भी बढ़ाने का प्लान है. राज्य के कुल कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या में अकेले मुंबई से 66 प्रतिशत मरीज हैं. इतना ही नहीं राज्य में 251 लोगों की मौत कोरोना की वजह से हुई है. इसमें से 60 प्रतिशत मौत केवल मुंबई में हुई है. मुंबई में जो व्यवस्था कोरोना से निपटने की दिख रही है उससे देखकर कहीं से नहीं लगता है की अगर कोई बड़ा खतरा आता है तो उसे झेलने के लिए मुंबई तैयार है.
अगर हम पूरे महाराष्ट्र की बात करें तो राज्य में कुल कोरोना संक्रमितों की संख्या 5200 है. लेकिन अगर इस आंकड़े में से मुंबई को निकाल दिया जाए तो 34 प्रतिशत मरीज रह जाते है. राज्य सरकार की जानकारी के मुताबि ,Dedicated COVID-19 hospital (DCH) 174 हैं, जिसमें आइसोलेशन बेड की संख्या 17412 है, जबकि वेंटिलेटर की संख्या 1683 है.
इसके अलावा महात्मा जोतिराव फुले हेल्थ मिशन के तहत राज्य सरकार के साथ जिन निजी अस्पतालों का गठजोड़ है उसके वेंटिलेटर को जोड़ दिया जाये तो वेंटिलेटर की संख्या करीबन 3000 होगी.
मुंबई के बाद महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा कोरोना से प्रभावित पुणे शहर है जहां संक्रमितों की संख्या 700 के पार हो चुका है, उसके बाद ठाणे और नागपुर का नंबर आता है. अच्छी बात ये भी है कि महाराष्ट्र के 10 जिले कोरोना संक्रमण से दूर हैं.
सीएम ने की अप्रवासी मजदूरों को घर भेजने की मांग
सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा है कि, राज्य में 6 लाख अप्रवासी मजदूर राहत शिविरों में हैं. ऐसे वक्त में घर परिवार से दूर रहना उन पर भारी पड़ रहा है. अगर केंद्र सरकार को लग रहा है कि 30 अप्रैल से 15 मई के बीच संक्रमण बढ़ सकता है तो स्पेशल ट्रेनों से मजदूरों को उनके घर भेजने के फैसले पर जरूर गौर करना चाहिए.
देवेंद्र फडणवीस ने सीएम ठाकरे को लिखी चिट्ठी
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने आरोप लगाया है कि कोरोना की जांच ठीक से नहीं की जा रही है. उन्होंने सीएम उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखकर कहा है कि, अस्पताल में दाखिल होने पर जिन मरीजों को कोरोना संदिग्ध करार दिया जा रहा है. उनकी कोरोना जांच नहीं हो रही है. मौत होने के बाद शव परिवार को कोरोना संदिग्ध बताकर ही सौंप दिया जा रहा है. इस तरह के दो मामले सीएम को भेजे गए हैं.
उन्होंने कहा, इससे कोरोना के फैलने का खतरा बढ़ रहा है, जिन कोरोना संदिग्धों के शव को सौंपा गया है, उनके संपर्क में आए लोगों और उनके परिवारवालों को क्वॉरंटीन किया जाना चाहिए.
बहरहाल, अगर केंद्र से लेकर राज्य और एक्सपर्ट तक का कहना है कि देश और महाराष्ट्र में एक बार फिर कोरोना केस तेजी से बढ़ सकते हैं तो ऐसे में महाराष्ट्र को कमर कस लेना चाहिए.
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