जहां एक तरफ नीतीश कुमार ने कोरोनावायरस से मुकाबले के लिए अपनी सेवा दे रहे डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को एक महीने की सैलरी बोनस के तौर देने का फैसला किया है, वहीं दूसरी ओर बिहार के भागरलपुर में N-95 मास्क और पीपीई, सैनेटाइजर, ग्लब्स ना मिलने से डॉक्टर परेशान हैं.
भागलपुर के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज और अस्पताल जेएलएनएमसीएच उर्फ मायागंज अस्पताल में दो पॉजिटव समेत कई कोरोना संदिग्ध मरीज मौजूद हैं. जेएनएमसी में पढ़ रहे करीब 100 छात्रों ने वहां के मेडिकल सुप्रीटेंडेंट आर सी मंडल को एक चिट्ठी लिखी थी. जिसमें उन लोगों ने कोरोना के महामारी से बचने के लिए पर्सनल प्रोटेकशन इक्विपमेंट, N 95 मास्क साथ ही सर्जिकल मास्क, हैंड सैनेटाइजर, गल्वस की भी मांग की.
क्विंट से बात करते हुए एक जूनियर डॉक्टर ने बताया,
ये मांग ज्यादा नहीं है. हमने कोई अजूबी चीज नहीं मांग ली है. जब अस्पताल में कोई मरीज आता है तो उसके चेहरे पर नहीं लिखा होता है कि वो कोविड-19 पॉजिटिव है या नहीं. हमें हर तरह के मरीज को देखना होता है. अगर हम में से एक भी डॉक्टर कोरोना से संक्रमित हो गए तो पूरा अस्पताल ही कोरोना के चपेट में आ जाएगा. मरीज आइसोलेशन में बाद में जाता है, उसे पहले इमरजेंसी या ओपीडी में आना होता है. और इंटर्न, जूनियर डॉक्टर, गार्ड, नर्स इनसे ही उसका संपर्क होता है. ऐसे में अगर हमने अपनी सुरक्षा के लिए कुछ मांगा है तो क्या गलत किया है?
बता दें कि भागलपुर के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज और अस्पताल जेएलएनएमसीएच उर्फ मायागंज अस्पताल में दो कोरोना पॉजिटिव मरीज हैं. साथ ही कई संदिग्ध मरीज भी वहां एडमिट हैं. जो दो मरीज पॉजिटिव पाए गए हैं वो बिहार में कोरोनावायरस से मारे गए पहले शख्स के रिश्तेदार हैं. ये लोग भी मरने वाले के संपर्क में आए थे. फिलहाल इन लोगों को जेएनएमसीएच के क्वॉरन्टीन के लिए कोरोना वार्ड में भर्ती किया गया है.
"अगर हमने अब मांग की तो हमें या तो फेल किया जाएगा या निकाला जाएगा"
नाम ना बताने की शर्त पर एक इंटर्न ने क्विंट को बताया, "दुनिया भर में कोरोना से लड़ने की तैयारी है. लेकिन हमारे यहां कुछ नहीं है. हम लोग अपनी आवाज उठाते हैं तो हमें डराया जाता है. हमें डर है कि इस तरह शिकायत करने पर हम लोगों पर अब कार्रवाई की जा सकती है."
ड्यूटी करो नहीं तो होगी शिकायत
बता दें कि इन छात्रों की तरफ से की गई शिकायत का जवाब भी आया है. जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय की ओर से जारी पत्र में कहा गया है,
OPD, एमरजेंसी वॉर्ड में काम कर रहे सभी चिकित्सकों को ICMR के गाईडलाइन के अनुसार N 95 मास्क और PPE पहनने की जरूरत नहीं है. सिर्फ सामान्य मास्क और गल्वस की जरूरत है. तत्काल आप सभी रोस्टर के मुताबिक अपनी-अपनी ड्यूटी करें, नहीं तो इसकी खबर प्रधान सचिव, स्वास्थ्य विभाग, पटना को दे दी जाएगी.
क्विंट ने जेएनएमसीएच के मेडिकल सुप्रीटेंडेंट से जब छात्रों के लेटर पर सवाल पूछने के लिए कॉल किया तो उन्होंने लॉकडाउन के समय में फोन पर जवाब देने से मना कर दिया. यही नहीं जब उनसे उनके अस्पताल में कोरोना के कितने मरीज हैं पूछा तो उन्होंने बताने से मना कर दिया. कई बार मैसेज करने पर भी कोई ठोस जवाब नहीं मिला.
बता दें कि बिहार में अबतक 9 कोरोना पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं. जिसमें से एक शख्स की पटना के एम्स में मौत हो गई थी.
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