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कोविड 19 को अगले 6 महीनों में संभालना हो जाएगा आसान: NCDC निदेशक

Corona ने हमारी सभी भविष्यवाणियों को गलत साबित कर दिया है, लेकिन अगले छह महीनों में यह स्थानिक चरण में पहुंच जाएगी.

Published
भारत
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कोरोना (Coronavirus) महामारी से छुटकारा पाने के लिए भारत में से वैक्सीनेशन (Vaccination) अभियान चलाया जा रहा है. यही वजह है कि देश में अब तक 60.7 प्रतिशत वयस्क आबादी को वैक्सीन की कम से कम एक खुराक दी जा चुकी है. इसी बीच National Centre for Disease Control (NCDC) के निदेशक Dr. Sujeet Singh ने NDTV से कहा है कि कोरोना महामारी अगले छह महीनों में स्थानिक हो जाएगी और इसे संभालना और भी आसान हो जाएगा.

डॉ सिंह ने NDTV से कहा,

"कोरोना महामारी ने हमारी सभी भविष्यवाणियों को गलत साबित कर दिया है, लेकिन अगले छह महीनों में यह लोकल स्टेज में पहुंच जाएगी. इसका मतलब यह होगा कि स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे पर इस संक्रमण को संभालना और अधिक आसान हो जाएगा." उन्होंने आगे कहा, "अगर मृत्यु और संक्रमण की दर नियंत्रण में है तो हम बीमारी का प्रबंधन आसानी से कर सकते हैं. केरल भी अब इससे उभर रहा है."
डॉ सिंह ने आगे कहा, "कोरोना महामारी के खिलाफ वैक्सीनेशन अभियान ही सबसे बड़ी सुरक्षा है. 75 करोड़ लोगों को वैक्सीन देने का मतलब है कि अगर वैक्सीन की प्रभावशीलता 70 प्रतिशत मानें तो करीब 50 करोड़ आबादी को इम्यूनिटी मिल चुकी है."

साथ ही उन्होंने कहा, "वैक्सीन की सिंगल खुराक से 30-31 प्रतिशत इम्यूनिटी मिलती है, तो एक खुराक लेने वाले 30 करोड़ लोगों को इम्यूनिटी मिल चुकी है. यही महामारी के खिलाफ बड़ी बात है."

वैक्सीनेशन के बाद भी सावधानी बरतना है जरूरी- डॉ सिंह

डॉ सिंह ने कहा, "वैक्सीनेशन के बाद भी लोगों को कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने की आवश्यकता है. निर्णायक संक्रमण या पूरी तरह से वैक्सीनेशन वाले लोग भी संक्रमित हो रहे हैं. 20-30 प्रतिशत मामलों में ऐसा होना लाजिमी है. कोरोना वायरस के नए वेरिएंटों के कारण भी संक्रमण बढ़ सकता हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि वैक्सीनेशन के 70 से 100 दिनों के बार इम्यूनिटी कमजोर पड़ना शुरू हो जाती है. यह चिंता का कारण है."

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वर्तमान में भारत में नहीं है वायरस का कोई भी नया वेरिएंट

डॉ सिंह ने कहा कि वर्तमान में भारत में कोरोना का कोई नया वेरिएंट नहीं है. C1.2 और Mu स्ट्रेन जो वर्तमान में चिंता का विषय हैं, देश में नहीं पाए गए हैं. उन्होंने कहा केवल एक ही नया वेरिएंट महामारी की तीसरी लहर का कारण नहीं बन सकता है. कारक व्यवहार और एंटीबॉडी का मिश्रण राहत दे सकता है, लेकिन आगामी त्योहारों का सीजन थोड़ी चिंता का कारण है. ऐसे में लोगों को विशेष सुरक्षा और सावधानी बरतनी होगी."

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