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शहरों से गांव भागते लोगों के लिए राज्य सरकारों ने किए ये ऐलान

गौतमबुद्धनगर प्रशासन ने जिले के सभी मकान मालिकों को किराएदारों से एक महीने बाद ही किराया लिए जाने के आदेश जारी किए

Published
भारत
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लॉकडाउन के बाद भारी संख्या में पलायन की वजह से कोरोनावायरस के फैलने की आशंका और बढ़ती जा रही है. देशभर में लॉकडाउन के बीच हजारों की संख्या में लोग नोएडा, दिल्ली, मुंबई जैसे शहरों को छोड़ अपने-अपने गांव कस्बों की तरफ जा रहे हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य आपदा राहत फंड के नियमों में बदलाव किया है. अब इस फंड में मौजूद रकम को प्रवासी मजदूरों के लिए भोजन और रहने की व्यवस्था के लिए भी किया जाएगा. वहीं यूपी, बिहार, उत्तराखंड समेत कई राज्यों की सरकारों ने लोगों की मदद का ऐलान किया है.

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योगी सरकार ने किया इंतजाम

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दूसरे राज्यों से लौटे, प्रदेश के और बिहार के लोगों के लिए रातों रात 1000 बसों का इंतजाम कर उन्हें उनके गंतव्य तक पहुंचाने की पहल की. प्रदेश सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि दूसरे राज्यों से आए उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों के लिए व्यवस्था करने की खातिर मुख्यमंत्री योगी रात भर जागते रहे.

अधिकारी ने बताया कि परिवहन अधिकारी, ड्राइवर और कंडक्टर रातों-रात घरों से जगा कर बुलाए गए. उन्होंने कहा, “रातों रात ही 1000 बसों का इंतजाम किया गया.”

गौतमबुद्धनगर प्रशासन ने जिले के सभी मकान मालिकों को किराएदारों से एक महीने बाद ही किराया लिए जाने के आदेश जारी किए हैं. उल्लंघन की स्थिति में 1 साल की सजा या जुर्माना या दोनों हो सकता है. गौतमबुद्ध नगर प्रशासन के आदेश में लिखा गया है कि जिले में कई इंडस्ट्रीज होने की वजह से लाखों की संख्या में यहां मजदूर किराए पर रहते हैं और महामारी के बीच ही कुछ मकान मालिक, किरायदारों से पैसे की मांग कर रहे हैं, जिसके कारण लोगों को घर छोड़कर अपने-अपने गृह जिले की ओर जाना पड़ रहा है.

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अपने गांव ना जाएं: दिल्ली सरकार

दिल्ली सरकार की करीब 100 और उत्तर प्रदेश सरकार की करीब 200 बसें दिल्ली से पैदल जाने की कोशिश कर रहे लोगों को लेकर जा रही है. फिर भी सरकार ने सभी लोगों से अपने घर न जाने की अपील की है. दिल्ली उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, "मेरी अपील है कि लॉकडाउन का पालन करें. कोरोना का असर नियंत्रित रखने के लिए यही समाधान है. बाहर निकलने में कोरोना का पूरा खतरा है."

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, "UP और दिल्ली दोनों सरकारों ने बसों का इंतजाम तो कर दिया. लेकिन मेरी अभी भी सभी से अपील है कि वे जहां है, वहीं रहें. हमने दिल्ली में रहने, खाने, पीने, सबका इंतजाम किया है. कृपया अपने घर पर ही रहें. अपने गांव ना जाएं. नहीं तो लॉकडाउन का मकसद ही खत्म हो जाएगा."

जो जहां फंसा है, उसे वहीं मिलेगा खाना

बिहार की नीतीश सरकार ने भी दूसरे राज्यों में फंसे अपने लोगों की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है. नीतीश कुमार ने कहा, बिहार के निवासी राज्य के किसी भी शहर या बाहर जहां भी फंसे हों वहीं पर मदद की जाएगी. उनके खाने और रहने की व्यवस्था सरकार करेगी. साथ ही मुख्यमंत्री ने लॉकडाउन में फंसे लोगों को राहत पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से 100 करोड़ रुपये जारी किए हैं.

हालांकि नीतीश कुमार ने पलायन कर रहे लोगों के लिए बसों के इंतजाम पर सवाल उठाए हैं. नीतीश कुमार ने कहा है कि अगर इन लोगों को बस दे ही देंगे तो लॉकडाउन का मतलब ही क्या हुआ. इससे मुश्किलें और बढ़ेगी.

उत्तराखंड सरकार ने दिल्ली में फंसे अपने राज्य के लोगों के खाने, रहने और गंतव्य तक पहुंचने के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से 50 लाख रुपये जारी किए. उन्होंने कहा कि राज्य के हर व्यक्ति के रहने, खाने और गंतव्य तक पहुंचाना राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता है.

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