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कोरोना: किस राज्य में कितने रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन? पूरी लिस्ट

मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, हैदराबाद, पुणे, बेंगलुरु और अहमदाबाद जैसे शहरों को रेड जोन में

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भारत
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कोरोना लॉकडाउन के दूसरे फेज के खत्म होने से पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन का नया डेटा जारी किया है. नए डेटा के मुताबिक, देश के 130 जिलों को रेड जोन, 284 को ऑरेंज जोन और 319 को ग्रीन जोन घोषित किया है.

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इन इलाकों में COVID-19 मामलों की संख्या, मामलों के दोगुना होने की दर, जांच की क्षमता और निगरानी एजेंसियों से मिली जानकारी के आधार पर इन्हें क्लासीफाइ किया गया है.

इस नए क्लासीफिकेशन में मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, हैदराबाद, पुणे, बेंगलुरु और अहमदाबाद जैसे शहरों को रेड जोन में रखा गया है.

किस राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में कितने रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन?

मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, हैदराबाद, पुणे, बेंगलुरु और अहमदाबाद जैसे शहरों को रेड जोन में

राज्य और केंद्र शासित प्रदेश ‘कंटेनमेंट ऑपरेशन’ के लिए जिलों के इस क्लासीफिकेशन का इस्तेमाल करेंगे. इस लिस्ट को हर हफ्ते या उससे पहले भी संशोधित किया जाएगा और इस संबंध में आगे की कार्रवाई के लिए राज्यों को सूचित किया जाएगा.

राज्य अपने हिसाब से बढ़ा भी सकते हैं लिस्ट

कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में 30 अप्रैल को राज्यों के मुख्य सचिवों और स्वास्थ्य सचिवों के साथ की गई वीडियो कॉन्फ्रेंस के बाद जिलों के इस नए क्लासीफिकेश का ऐलान किया गया है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की सचिव प्रीती सूदन ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को लिखे लेटर में कहा है, ‘‘यह सुनिश्चित करना अहम है कि हम जमीनी स्तर पर COVID-19 के एक केंद्रित प्रबंधन के लिए संवेदनशील इलाकों की पहचान करें.’’ उन्होंने कहा कि जिलों को पहले हॉटस्पॉट्स/ रेड-जोन, ऑरेंज जोन और ग्रीन जोन के रूप में नामित किया गया था, इन्हें भी सामने आए नए मामलों और उनके दोगुने होने की दर के आधार पर क्लासीफाइ किया गया था.

सूदन ने लेटर में कहा है, ‘‘मरीजों के ठीक होने की दर बढ़ने के बाद, जिलों का वर्गीकरण अब व्यापक मानदंडों के आधार पर किया जा रहा है. यह वर्गीकरण बहु-तथ्यात्मक है और बढ़ते मामलों, उनके दोगुने होने की दर, जांच की क्षमता, निगरानी एजेंसियों से मिली जानकारी के आधार पर इनका वर्गीकरण किया जा रहा है.’’

लेटर में कहा गया है कि राज्य चाहें तो और भी जिलों को रेड या ऑरेंज घोषित कर सकते हैं. हालांकि केंद्र ने जो क्लासीफिकेशन किया है, राज्य उसमें ढील नहीं दे सकते.

लेटर के मुताबिक, किसी भी क्षेत्र को ग्रीन जोन में तभी रखा जाएगा, अगर वहां अभी तक COVID-19 का कोई कन्फर्म केस ना हो या पिछले 21 दिन में जिले में कोई मामला सामने ना आया हो.

बात रेड जोन की करें तो ये कोरोना के सबसे ज्यादा खतरे वाले इलाके हैं, जबकि ऑरेंज जोन अपेक्षाकृत कम खतरे वाले इलाके हैं.

अब केंद्र सरकार ने 3 मई के बाद रेड, ऑरेंज और ग्रीन क्लासीफिकेशन के आधार पर लॉकडाउन में ढील देने की बात कही है. बता दें कि देश में कोरोना वायरस से निपटने के लिए लागू लॉकडाउन का दूसरा फेज 3 मई को खत्म हो रहा है. हालांकि केंद्र ने अब लॉकडाउन को 17 मई तक बढ़ाने का ऐलान कर दिया है.

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