ADVERTISEMENTREMOVE AD

बजट सत्र शुरू: क्या है रेल और वित्त मंत्री के पिटारे में?

गरीबी उन्मूलन, किसानों के विकास और युवाओं के रोजगार पर विशेष ध्यान

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

संसद के बजट सत्र का आगाज हो चुका है. करदाताओं, रेल यात्रियों, विदेशी निवेशकों से लेकर विश्लेषकों तक की नजर रेल बजट और आम बजट पर टिकी हुई है. रेल मंत्री सुरेश प्रभु गुरुवार 25 फरवरी को लोकसभा में रेल बजट पेश करेंगे. वित्तमंत्री अरुण जेटली 29 फरवरी को 2016-17 के लिए आम बजट पेश करेंगे.

इस बीच जेटली शुक्रवार 26 फरवरी को 2015-16 के लिए आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगे.

वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने हाल ही में मंत्रालय के यूट्यूब चैनल पर कहा था कि आगामी बजट में गरीबी उन्मूलन, किसानों के विकास और युवाओं के रोजगार पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.

“यह एक भविष्योन्मुख बजट होगा, जो यह सुनिश्चित करेगा कि वैश्विक अनिश्चितता के बीच भारत स्थिरता का स्तंभ बना रहेगा”
जयंत सिन्हा,वित्त राज्य मंत्री

फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) ने बजट पूर्व अपने ज्ञापन में कहा, “पिछले साल के बजट में घोषित कंपनी कर घटाने का प्रस्ताव सही दिशा में उठाया गया कदम है. लेकिन कई अन्य पहलुओं पर भी गौर करने की जरूरत है.”

ज्ञापन में कहा गया है, “निकट भविष्य में कर नीति में स्थिरता सुनिश्चित करने की जरूरत है. उदाहरण के लिए आयकर के संदर्भ में प्रत्यक्ष (जैसे कि सेज इकाइयों से एमएटी छूट खत्म करना) और परोक्ष दोनों ही तरीकों से निरंतर नीति की वापसी समाप्त करने की जरूरत है”

सरकार ने कहा है कि कर छूटों से सरकार को सालाना दो लाख करोड़ रुपये घाटा हो रहा है.

“प्रत्यक्ष कर के मामले में कर छूट से हमें करीब एक लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है. अप्रत्यक्ष कर के मामले में भी कर छूट से करीब एक लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है.”
हसमुख अधिया, राजस्व सचिव

विकास दर का हाल क्या है?

पिछले हफ्ते जारी आधिकारिक आंकड़े के मुताबिक, मौजूदा कारोबारी साल की तीसरी तिमाही में विकास दर 7.3 फीसदी रही, जो दूसरी तिमाही में 7.7 फीसदी थी और एक साल पहले समान अवधि में 7.1 फीसदी थी.

पिछले साल जारी मध्यावधि समीक्षा में सरकार ने 2015-16 के लिए विकास दर का अनुमान 8.1-8.5 फीसदी से घटाकर 7-7.5 फीसदी कर दिया था. सरकार ने कम बारिश के कारण कृषि उपज घटने की वजह से अनुमान घटाया था.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×