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नीरव मोदी की विदेशी संपत्ति और कारोबार  की भी होगी जांच

अदालत ने जांच के लिए लेटर ऑफ रोगेटरी जारी करने की मांग मानी 

Updated
भारत
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अब विदेश में नीरव मोदी की संपत्ति की जांच हो सकती है. विशेष अदालत ने ईडी की लेटर ऑफ रोगेटरी (अनुरोध पत्र ) जारी करने की मांग मंजूर कर ली है. छह देशों को जारी होने वाले लेटर ऑफ रोगेटरी से पीएनबी को 11,400 करोड़ रुपये का चूना लगाने वाले नीरव मोदी की विदेश स्थित कारोबार और संपत्ति की छानबीन हो सकेगी .

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प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लांड्रिंग विरोधी कानून के तहत गठित अदालत ने दरख्वास्त देकर लेटर ऑफ रोगेटरी जारी करने का आदेश देने की मांग की थी.जज एम एस आजमी ने ईडी के आवेदन पर विचार करने के बाद लेटर ऑफ रोगेटरी जारी करने की मंजूरी दे दी. पीएनबी घोटाले में सीबीआई, ईडी और इनकम टैक्स विभाग नीरव मोदी के खिलाफ जांच कर रहा है.

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ईडी ने मनी लांड्रिंग विरोधी कानून के तहत विशेष अदालत से हांगकांग, अमेरिका, ब्रिटेन, संयुक्त अरब अमीरात, दक्षिण अफ्रीका और सिंगापुर में नीरव मोदी की संपत्ति और कारोबार की छानबीन के लिए लेटर ऑफ रोगेटरी मांगा गया था.

ईडी ने अदालत से कहा कि नीरव मोदी ने डायमंड आर यूएस, सोलर एक्सपोर्ट्स स्टेलर डायमंड. फायर स्टार डायमंड समेत कई कंपनियां खोली थीं. बाद में नीरव मोदी इंटिग्रेटेड डायमंड मैन्यूफैक्चरर बन गया था, जो रफ डायमंड खरीदने के बाद उन्हें पॉलिश करके बेचता था. बाद में वह हीरे की ज्वैलरी डिजाइन भी करने लगा था.

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नीरव मोदी के खिलाफ पहले 280 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज कराई गई थी लेकिन बाद में बैंक के खुलासे से पता चला कि घोटाले की रकम बढ़ कर 11,400 करोड़ रुपये पहुंच गई है. इस मामले में नीरव मोदी के साथ ही उसके मामा मेहुल चोकसी के खिलाफ भी जांच चल रही है.

क्या है लेटर ऑफ रोगेटरी

लेटर ऑफ रोगेटरी एक संप्रभु देश की अदालत दूसरे संप्रभु देश की अदालत से किसी मामले न्यायिक मदद मांगने का औपचारिक अनुरोध है.

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