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छपरा मिड डे मील केसः स्कूल प्रिसिंपल को 10 साल की जेल

साल 2013 में जहरीले मिड डे मीलसे 23 बच्चों की मौत हो गई थी.

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बिहार के छपरा मिड डे मील केस में सोमवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया. कोर्ट ने इस मामले में दोषी प्रिंसिपल मीना देवी को एक धारा में 7 साल और दूसरी धारा में 10 साल जेल की सजा सुनाई है. इसके अलावा कोर्ट ने मीना देवी पर 1 लाख 75 हजार का जुर्माना भी लगाया है.

क्या है छपरा मिड डे मील केस?

16 जुलाई 2013 को छपरा जिले के गंडामन प्राथमिक स्कूल में मिड डे मील खाने से स्कूल में पढ़ने वाले 23 बच्चों की मौत हो गई थी. मिड डे मील में बच्चों को दाल, चावल और सोयाबीन की सब्जी दिया गया था, जिसे खाने के तुरंत बाद बच्चे बीमार होने लगे थे.

हालत बिगड़ने पर रसोइया समेत 27 लोगों को पटना स्थित पीएमसीएच अस्पताल में भर्ती कराया गया था. मरने वालों में 21 बच्चों के अलावा वह महिला भी शामिल थी, जिसने बच्चों के लिए भोजन तैयार किया था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला था कि भोजन जहरीला था.

कोर्ट का फैसला

मीना देवी को धारा 304 के तहत दस साल और धारा 308 के तहत सात साल की सजा सुनाई गई है. इसी महीने की 24 तारीख को कोर्ट ने प्रिंसिपल मीना देवी पर लगी आईपीसी की धारा 302, 307 और 328 को हटाते हुए उसे 304 और 308 में दोषी करार दिया था.

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