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दिल्ली में सिर्फ दिल्लीवालों के इलाज पर चिदंबरम की केजरीवाल को सीख

केजरीवाल सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए साफ किया है कि ‘बाहरी मरीजों’ इलाज अब राज्य सरकार के अस्पतालों में नहीं होगा.

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केजरीवाल सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए साफ किया है कि 'बाहरी मरीजों' इलाज अब राज्य सरकार के अस्पतालों में नहीं होगा. मुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली कैबिनेट ने फैसला लिया है कि राज्य सरकार के अस्पताल अब दिल्ली के लोगों के लिए होंगे. अब इस फैसले पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. देश के पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने पूछा है कि आखिर दिल्लीवाले हैं कौन? क्या इसकी कोई परिभाषा तय है.

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अरविंद केजरीवाल कहते हैं कि दिल्ली के अस्पताल सिर्फ दिल्लीवालों के लिए हैं. क्या वो बताएंगे कि ये दिल्लीवाले हैं कौन? अगर मैं दिल्ली में रह कर काम कर रहा हूं या रह रहा हूं, तो क्या में दिल्लीवाला हूं?
पी चिदंबरम

फैसले के कानूनी पहलू पर भी उठाए सवाल

चिदंबरम ने केजरीवाल सरकार के इस फैसले के कानूनी पहलू पर सवाल उठाते हुए पूछा है कि क्या केजरीवाल ने क्या ऐलान से पहले कोई कानूनी राय ली थी.

मुझे पता है कि अगर कोई व्यक्ति जन आरोग्य योजना/ आयुष्मान भारत में एनरोल्ड है तो वो भारत के किसी भी हिस्से के किसी लिस्टेड हॉस्पिटल चाहे प्राइवेट हो या सरकारी में इलाज करा सकता है?
पी चिदंबरम

'दिल्लीवालों' की ली गई थी राय: केजरीवाल

बता दें कि इस फैसले का ऐलान करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि दिल्ली के 90 फीसदी लोगों ने कहा कि जब तक कोरोना मामले हैं तब तक दिल्ली के अस्पतालों में सिर्फ दिल्लीवासियों का इलाज हो. इसके लिए पांच डॉक्टर की एक कमेटी बनाई गई थी उन्होंने अपनी रिपोर्ट दी है.

मायावती ने केंद्र के दखल की मांग की

बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने भी इस फैसले पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने इस मामले में केन्द्र सरकार को दखल देने की मांग उठाई है. मायावती ने सोमवार को ट्वीट करते हुए लिखा,

“दिल्ली देश की राजधानी है. यहां पूरे देश से लोग अपने जरूरी कार्यो से आते रहते हैं. ऐसे में अगर कोई व्यक्ति अचानक बीमार पड़ जाता है तो उसको यह कहकर कि वह दिल्ली का नहीं है इसलिए दिल्ली सरकार उसका इलाज नहीं होने देगी, यह अति-दुर्भाग्यपूर्ण. केन्द्र को इसमें जरूर दखल देना चाहिये.”

इससे पहले मायावती ने एक अन्य ट्वीट कर कहा, "अनलॉक-1 के तहत आज से जो भी स्थल व बाजार आदि खोले जा रहे हैं, वहां जाने के लिए लोगों को सरकारी नियमों का सख्ती से पालन करना चाहिए. यदि बहुत जरूरी है तब ही वहां जाना चाहिए, वरना जाने से बचना चाहिये. बीएसपी की उनके हित में यही सलाह है."

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