1 मई से होने वाले कोरोना वैक्सीनेशन के लिए Co-Win और आरोग्य सेतु ऐप पर आज यानी 28 अप्रैल से रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुका है. हालांकि एक बार फिर रजिस्ट्रेशन में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इससे पहले भी तकनीकी कारणों से वैक्सीनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शाम 4 बजे से शुरू करने की बात कही गई थी.
देश में 18 वर्ष से अधिक आयु वाले लोगों को 1 मई से कोविड वैक्सीन लगाई जाएगी.
रजिस्ट्रेशन के समय में बदलाव की सरकार ने दी थी जानकारी
इससे पहले @MyGovIndia पर 27 अप्रैल को ट्वीट करके जानकारी दी गई थी कि वैक्सीनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया 28 अप्रैल रात 12 बजे शुरू होगी, लेकिन बुधवार सुबह कई यूजर्स पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन नहीं कर पाए. इसके बाद केंद्र सरकार ने रजिस्ट्रेशन के लिए नया समय निर्धारित किया. हालांकि नए समय पर भी वही दिक्कत सामने आ रही है.
वैक्सीनेशन के लिए पोर्टल पर तकनीकी समस्या ऐसे वक्त में उत्पन्न हुई है जब पहले से ही राज्य सरकारें कम समय में वैक्सीन प्राप्त करने और उनके लॉजिस्टिक को लेकर परेशान है.
कोविड टीकाकरण के लिए किए गए पिछले ट्वीट को अकाउंट से डिलीट कर दिया गया. 28 अप्रैल को नये ट्वीट में सूचित करते हुए बताया गया कि, वैक्सीनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शाम 4 बजे से शुरू होगी. लेकिन जब शाम 4 बजे लोग रजिस्टर करने पहुंचे तो उन्हीं तकनीकी खामियों का सामना करना पड़ा.
इस ट्वीट में यह भी कहा गया कि वैक्सीनेशन के लिए अप्वाइंटमेंट राज्य सरकार और प्राइवेट सेंटर्स पर उपलब्ध सुविधाओं के आधार पर 1 मई से होगा.
28 अप्रैल को जिन लोगों ने रजिस्ट्रेशन करने की कोशिश की, उन्होंने सरकार के सोशल मीडिया हैंडल्स पर अपने पोस्ट टैग करके, यह समझाने का प्रयास किया कि आखिर रजिस्ट्रेशन प्रोसेस में क्या समस्या आई थी.
राज्यों में वैक्सीन की कमी
इसके अलावा वैक्सीनेशन से जुड़ी अन्य समस्याएं यह है कि देश में वैक्सीन की कमी है, जो कि इस महत्वकांक्षी टीकाकरण अभियान को बाधित कर सकती है.
- 19 अप्रैल को कोविड वैक्सीनेशन के तीसरे चरण की घोषणा के बाद से ही, कई राज्यों ने वैक्सीन की उपलब्धता को लेकर चिंता जाहिर की है.
- गोवा में वैक्सीनेशन अभियान में देरी हो सकती है क्योंकि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने 5 लाख कोविशील्ड वैक्सीन की सप्लाई में असमर्थता जताई है.
- वहीं पंजाब, राजस्थान और छत्तीसगढ़ ने कहा कि, वैक्सीन की कमी की वजह से वे टीकाकरण की बढ़ती मांग को पूरा करने में असमर्थता जाहिर की है. इसके अलावा दिल्ली, महाराष्ट्र और केरल ने भी यह शिकायत की है.
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