दिल्ली के निजामुद्दीन वेस्ट की मरकज को खाली करा दिया गया है. तबलीगी जमात के मामले ने केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकारों को परेशानी में डाल दिया है. लॉकडाउन के दौरान जहां सोशल डिस्टेंसिंग की बात की जा रही थी, वहीं यहां एक जगह पर 2000 से ज्यादा लोग एक साथ रह रहे थे.
दिल्ली की डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने मामले पर अपडेट देते हुए बताया कि 2361 लोगों को वहां निकाला गया, इनमें से 617 को अस्पताल ले जाया गया बाकी को क्वारंटाइन किया गया है.
ये 617 वो लोग हैं जिनमें किसी तरह के लक्षण हैं. सभी लोगों की लिस्ट बनाकर उनके फोन नंबर लेकर पुलिस को दे दिए गए हैं, पुलिस की साइबर सेल इन सबके नंबरों की जांच करेगी और देखेगी कि ये किस-किस से मिले हैं, किस से मिल रहे है.
पुलिस से इस मामले में FIR दर्ज की है इन 6 लोगों का नाम शामिल- मौलाना साद, डॉ. जीशान, मुफ्ती शहजाद, एम. सैफी, यूनुस और मोहम्मद सलमान है. मरकज को आज सुबह लगभग 3:30 बजे खाली किया गया. पुलिस के मुताबिक मौलाना साद को पुलिस ने नोटिस था, 28 मार्च से उसका पता नहीं चला रहा, फिलहाल उसकी तलाश जारी है.
निजामुद्दीन मरकज और इसके आसपास का इलाका दक्षिणी दिल्ली नगर निगम सैनिटाइज कर रहा है निजामुद्दीन मरकज में एक धार्मिक सभा आयोजित की गई थी, जिससे लॉकडाउन का उल्लंघन हुआ और सभा में हिस्सा लेने वालों में कई लोग कोविड 19 से संक्रमित पाए गए.
निजामुद्दीन मरकज में शामिल होने वाले 50 लोग तमिलनाडु में पॉजिटिव पाए गए हैं. मरकज से जुड़ा ये अभी तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है.
गृह मंत्रालय के मुताबिक इस साल तबलीग में शामिल होने लगभग 2100 विदेशी नागरिक भारत आए. साथ ही 21 मार्च तक देशभर की अलग अलग मरकजों में 824 विदेशी नागरिक मौजूद थे. इनमें इंडोनेशिया, मलेशिया, थाईलैंड, नेपाल, म्यांमार, बांग्लादेश, श्रीलंका और किर्गिस्तान के नागरिक शामिल हैं.
वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने मरकज मामले को लेकर लखनऊ में शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की. मरकज में शामिल लोग जहां-जहां गए हैं, उनके संपर्क में आने वाले लोगों की पहचान की जा रही है.
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