देश में कोरोना केस के बढ़ते मामलों की वजह से अस्पतालों में इलाज के दौरान ऑक्सीजन सिलेंडर की मांग बढ़ने लगी है. इस बीच केंद्र सरकार ने ऑक्सीजन की सप्लाई बढ़ाने के लिए कुछ अहम कदम उठाए हैं. इसके तहत सरकार ने औद्योगिक उद्देश्य के लिए ऑक्सीजन की सप्लाई पर रोक लगा दी है. हालांकि इसमें 9 विशेष उद्योगों को छूट दी गई है. केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने इसकी जानकारी दी है.
इससे पहले कई राज्यों ने ऑक्सीजन की कमी को लेकर केंद्र सरकार से आपूर्ति बढ़ाने की मांग की है.
‘राज्यों को तेजी से ऑक्सीजन सप्लाई की जाएगी’
केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ANI से कहा कि, 9 सेक्टर्स को छोड़कर, इंडस्ट्रियल इस्तेमाल के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. यह रोक 22 अप्रैल तक स्थायी रूप से जारी रहेगी. इस कदम से अस्पतालों को ऑक्सीजन की पर्याप्त सप्लाई सुनिश्चित होगी.
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि, हमने 6,177 मीट्रिक टन ऑक्सीजन अलग-अलग राज्यों को उपलब्ध कराने की योजना बना दी है. 20 अप्रैल के बाद महाराष्ट्र को 1500 मीट्रिक टन ऑक्सीजन दी जाएगी. दिल्ली को 350 मीट्रिक टन और उत्तर प्रदेश को 800 मीट्रिक टन ऑक्सीजन उपलब्ध कराई जाएगी.
‘ऑक्सीजन एक्सप्रेस के माध्यम से होगी सप्लाई’
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि, ऑक्सीजन सिलेंडर या टैंकर्स की सप्लाई रेल के माध्यम से शुरू किए जाने का निर्णय लिया गया है. इसके लिए ग्रीन कॉरिडोर की शुरुआत की गई है ताकि ऑक्सीजन की आपूर्ति तेजी हो सके.
“ग्रीन कॉरिडोर पर ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन के माध्यम से राज्यों को सुगमता से ऑक्सीजन की सप्लाई की जाएगी.”पीयूष गोयल
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, “मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई को लेकर राज्य सरकारों को अपनी डिमांड नियंत्रण में रखनी चाहिए. क्योंकि डिमांड के साथ-साथ सप्लाई का मैनेजमेंट भी महत्वपूर्ण है. कोविड संक्रमण को रोकना राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है और उन्हें अपने दायित्वों को निभाना चाहिए.”
कोरोना संक्रमण के खतरनाक स्तर पर पहुंचने के बाद कई सारे इलाकों से इन ऑक्सीजन की कमी की खबरें लगातार आ रही हैं. कई जगहों पर सिर्फ ऑक्सीजन की कमी की वजह से लोगों की मौत भी हुई है.
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