यूनाइटेड किंगडम में 11 जुलाई को खेले गए विंबलडन फाइनल (Wimbledon 2021) में भरे स्टेडियम का हवाला देते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने पूछा है कि भारत ये नजारा कब देखेगा. दरअसल, मेंस सिंगल फाइनल में पूरा स्टेडियम दर्शकों से खचाखच भरा हुआ था और लगभग सभी बिना मास्क के मैच का मजा ले रहे थे. इसे लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट ने सरकार से कहा कि इसकी कुंजी सभी का वैक्सीनेशन है.
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा, "विंबलडन फाइनल नजारा था. हमें नहीं पता कि आपने इसे देखा, लेकिन एक भी व्यक्ति ने मास्क नहीं पहना था. स्टेडियम खचाखच भरा हुआ था और एक अकेली महिला के अलावा किसी ने मास्क नहीं पहना था. एक भारतीय क्रिकेटर भी मौजूद था और वो भी बिना मास्क के."
बेंच ने आगे कहा, "भारत ये नजारा कब देखेगा? इसकी कुंजी सभी का वैक्सीनेशन करने में है."
कोर्ट ने कोरोना की संभावित तीसरी लहर पर भी अपनी चिंता व्यक्त की और कहा कि कुछ राज्यों में इसके आने की खबर है. कोर्ट ने कहा, "ऐसी खबरें हैं कि नॉर्थईस्ट के दो राज्यों में तीसरी लहर शुरू हो गई है. हमें उपाय करने होंगे." कोर्ट ने आगे कहा कि हम अभी ठीक स्थिति में हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि हम सावधानी न बरतें.
कोर्ट ने कहा कि उन्होंने महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के डेल्टा-प्लस वेरिएंट के एक्टिव मामलों के बारे में रिपोर्ट पढ़ी हैं, और राज्य को संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए.
चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस जीएस कुलकर्णी की बेंच महाराष्ट्र में महामारी की स्थिति और संभावित तीसरी लहर का सामना करने के लिए राज्य सरकार की तैयारियों पर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी.
याचिकाओं में राज्य सरकार को एंटी-कोविड दवाओं की कमी और उनकी खरीद और वितरण के दौरान कथित कालाबाजारी और मुनाफाखोरी के संबंध में विभिन्न निर्देश देने की मांग की गई है.
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को जवाब में एक और हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा है. मामले की सुनवाई तीन हफ्ते बाद होगी.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)