लश्कर आतंकियों को आजीवन कारावास
भारत में आतंकी वारदातों को अंजाम देने में शामिल होने के लिए दोषी करार देते हुए जयपुर सेशन कोर्ट ने तीन पाकिस्तानी नागरिकों समेत लश्कर-ए-तैयबा के आठ आतंकियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. अदालत ने उनपर तीन-तीन लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश पवन गर्ग ने गैर कानूनी गतिविधि (निषेध) अधिनियम के तहत फैसला सुनाया. अदालत ने 30 नवंबर को इन सभी आठ आतंकियों को गैर-कानूनी गतिविधियों को बढ़ावा देने, साजिश रचने, आतंकी वारदातों के लिए लोगों की भर्ती करने और आतंकी गुट या संगठन का सदस्य होने के जुर्म में दोषी करार दिया था.
राजस्थान के आतंकवाद रोधी दस्ते ने 2010 में इन्हें गिरफ्तार किया था. इनपर पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के संपर्क में रहने का आरोप था.
तेजपाल के खिलाफ सुनवाई की अनुमति
सुप्रीम कोर्ट ने गोवा की एक अदालत को यौन उत्पीड़न के मामले में तहलका पत्रिका के संस्थापक संपादक तरुण तेजपाल के खिलाफ सुनवाई शुरू करने की इजाजत दे दी. तरुण तेजपाल पर नवंबर 2013 में अपनी जूनियर महिला सहयोगी का यौन उत्पीड़न करने का आरोप है. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एस ए बोबड़े और जस्टिस एल नागेश्वर राव की पीठ ने निचली अदालत को मामले में गवाहों से जिरह करने को कहा है.
हालांकि शीर्ष अदालत ने चिचली अदालत को मामले में फैसला सुनाने से तब तक के लिए रोक दिया है, जब तक बंबई हाईकोर्ट में तेजपाल की ओर से उनके खिलाफ दर्ज मुकदमे के खिलाफ दी गई चुनौती पर फैसला नहीं आ जाता है.
महाराष्ट्र में 7 नक्सली ढेर
छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में पुलिस ने सात नक्सलियों के मारे जाने का दावा किया है. मारे गए नक्सलियों में पांच महिलाएं और दो पुरुष शामिल हैं.
गढ़चिरौली एसपी अभिनव देशमुख ने कहा, "पुलिस को सूचना मिली कि झिंगानुर पुलिस थाना इलाके में कल्लेड़ जंगल क्षेत्र में नक्सलियों का एक बड़ा कैंप है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए इस इलाके में जिला पुलिस और सीआरपीएफ ने नक्सलियों के विरुद्ध मुहिम छेड़ी. गश्त पर निकली पुलिस टीम पर नक्सलियों ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी. इसके बाद अपनी सुरक्षा में पुलिस के जवानों ने भी जवाबी कार्रवाई की, जिसमें सात नक्सली मारे गए." इनके पास से कई हथियार भी बरामद किए गए हैं.
रेयान ट्रस्टियों की जमानत पर 11 को सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने प्रद्युम्न मर्डर केस मामले में रेयान इंटरनेशनल समूह के तीन ट्रस्टियों की अग्रिम जमानत रद्द करने के लिये दायर याचिका पर सुनवाई पूरी कर ली. जस्टिस आर के अग्रवाल और जस्टिस ए एम सप्रे की पीठ ने प्रद्युमन के पिता की याचिका पर दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि इस मामले में 11 दिसबंर को फैसला सुनाया जाएगा.
इस मामले में सुनवाई के दौरान छात्र के पिता के वकील ने कहा कि समूह के तीन ट्रस्टियों को हाई कोर्ट से दी गयी अग्रिम जमानत के आदेश को निरस्त किया जाना चाहिए. वहीं रेयान पिन्टो, ग्रेस पिन्टो और ए एफ पिन्टो के वकील ने कहा कि ये ट्रस्टी कभी भी प्रत्येक स्कूल के प्रवेश के मामलों में प्रत्यक्ष रूप से शामिल नहीं हुये और वे सिर्फ नीतिगत फैसले ही लेते हैं.
बाल यौन शोषण की सुनवाई के लिए अदालत
नाबालिगों के खिलाफ यौन उत्पीडन के मामलों की सुनवाई के लिए हैदराबाद में बच्चों की अदालत की स्थापना करेगा. पुलिस को उम्मीद है कि यह अदालत बच्चों के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए तुरंत सुनवाई करेगी.
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध एवं एसआईटी) स्वाति लाकरा ने बताया, हैदराबाद उच्च न्यायालय ने अदालत की स्थापना का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है, ताकि भरोसा केंद्र में, बाल यौन उत्पीड़न के मामलों के त्वरित निपटान के लिए यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम के तहत सुनवाई की जाए.
स्वाति ने कहा कि बच्चों के अनुकूल प्रक्रिया का पालन किया जाएगा. उन्होंने कहा, यह केवल तुरंत सुनवाई ही नहीं करेगी बल्कि पीड़ितों के दोबारा उत्पीड़न को भी कम करेगी.
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